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सिंगापुर: सिखों के इतिहास पर एप लॉन्च हुआ

यह एप एंड्रॉयड गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर दोनों में उपलब्ध है. इस एसजीडी 20,000 ऐप में सिंगापुर में वर्ष 1850 में जेल में बंद किए गए सिखों की सुनवाई तक का इतिहास उपलब्ध है.

सिखों के इतिहास पर एप लॉन्च सिखों के इतिहास पर एप लॉन्च
लव रघुवंशी/BHASHA
  • सिंगापुर,
  • 12 जून 2016,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

सिंगापुर में सिखों के इतिहास की जानकारी देने वाला एक एप लॉन्च किया गया है. नेशनल हैरिटेज बोर्ड की आंशिक वित्तीय मदद से विकसित ‘सिख हैरिटेज ट्रेल’ एप शनिवार को लॉन्च किया गया. यह एप 29 वर्षीय एक इंजीनियर इशविंदर सिंह ने विकसित किया है, जो एक एयरोस्पेस कंपनी में कार्यरत हैं.

यह एप एंड्रॉयड गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर दोनों में उपलब्ध है. इस एसजीडी 20,000 ऐप में सिंगापुर में वर्ष 1850 में जेल में बंद किए गए सिखों की सुनवाई तक का इतिहास उपलब्ध है. उन दिनों सिंगापुर ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश था.

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इतिहास का ब्यौरा
पंजाब में तब ब्रिटिश राज के खिलाफ दिवंगत महाराज सिंह की वीरता और समर्थकों के साथ अंग्रेज सरकार के खिलाफ उनके विद्रोह की जानकारी एप में है. सिख शहीद भाई महाराज सिंह का ब्यौरा भी इस एप में है, जिन्हें 1850 में औतराम जेल में बंद किया गया था. उनका जेल में ही 1856 में निधन हो गया था. यह जेल अब बंद पड़ी है.

सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल जिस मैदान में है वहां पेड़ों के बीच एक कब्र शहीद भाई महाराज सिंह की थी, जिसे वर्ष 1966 में सिलात रोड सिख मंदिर (गुरद्वारा) स्थानांतरित किया गया.

इस एप में औतराम रोड के आसपास का सिपाही लाइंस एरिया और कैंटोनमेंट रोड भी है, जहां ब्रिटिश राज के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपनी बैरकें बनाई थीं. बुकित ब्राउन कब्रिस्तान और आसपास के कब्रिस्तान भी इस एप में अपने इतिहास के साथ हैं, जहां सिख गार्ड की 30 जोड़ी प्रतिमाएं हैं.

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तीन साल के मेहनत के बाद ऐप विकसित
इनके अलावा स्ट्रेट सैटलमेंट पुलिस की सिख टुकड़ी के रहने के लिए वर्ष 1934 में पर्ल्स हिल में बनाई गई अपर बैरक्स और लोअर बैरक्स की जानकारी भी इस एप में मिलती है. इशविंदर सिंह और उनके दो पूर्णकालिक सहयोगियों क्रिस काई (29 वर्ष) और मेलोडी हो (24 वर्ष) ने तीन साल की मेहनत के बाद यह ऐप विकसित किया. इस कार्य में कोलंबिया विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन में स्नातक कर रही 27 वर्षीय शोधार्थी विद्या सुब्रमण्यम ने उनकी मदद की.

सिंह और उनके दल ने एप बनाने के लिए अनुसंधान के दौरान कई जगहों का दौरा किया, सिखों के पूजा स्थलों के प्रमुखों से बात की, नेशनल आर्काइव्ज ऑफ सिंगापुर तथा विदेशों के ग्रंथालयों से सामग्री ली.

10 हजार लोग टारगेट
सिंह ने बताया ‘हम केवल प्रमुख सिख हस्तियों के बारे में बात नहीं करना चाहते थे. हम प्रत्येक सिख परिवार के जीवन की जानकारी भी चाहते थे, और हमारा प्रयास था कि उन्हें सिख स्थलों के साथ संवाद का मौका भी दें.’ उन्हें उम्मीद है कि यह एप कम से कम 10,000 लोगों तक जरूर पहुंचेगा.

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