
क्रिश्चियन समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत भी दी है. फिरोजवाला पुलिस स्टेशन हाउस के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर बयान दर्ज करा लिए गए हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद दोषियों को पकड़ने के लिए दबिश डाली जा रही है.
स्थानीय क्रिश्चियन नेता असलम परवेज सहोतरा ने पीटीआई से कहा कि हथियारबंद लोगों का एक समूह अन अब्बास नाम के एक शख्स की अगुवाई में आया और समूह ने चर्च की बाउंड्री और गेट को तोड़ दिया. यह चर्च कालाशाह काकू में स्थित है. यह जगह लाहौर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है. जमीनी विवाद में लोगों ने चर्च को तोड़ दिया.
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चर्च तोड़ने आए लोगों ने वहां क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को जमीन खाली करने को कहा. जब लोगों ने विरोध किया तो वे चर्च में तोड़फोड़ करने लगे. पाकिस्तान की कुल जनसंख्या में सिर्फ दो फीसदी क्रिश्चियन रहते हैं. उनके उत्पीड़न की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं.
धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे अल्पसंख्यक
चर्च तोड़े जाने का यह मामला तब सामने आया है जब ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यक जैसे क्रिश्चियन और हिंदू समुदाय के लोग 2019 में भी उत्पीड़न के शिकार हुए हैं. यहां अल्पसंख्यक लगातार जबरन धर्म परिवर्तन, उत्पीड़न और ईशनिंदा के शिकार हो रहे हैं.
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धार्मिक अधिकारों से वंचित हो रहे अल्पसंख्यक
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पाकिस्तान के संविधान ने जिन धार्मिक अधिकारों की रक्षा के संबंध में प्रावधान बनाए हैं, उनकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वे अपने धार्मिक अधिकारों का इस्तेमाल तक नहीं कर पा रहे हैं. पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट इस्लामाबाद में सार्वजनिक की थी.
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