
सीरिया में विद्रोहियों का आतंक लगातार जारी है. शनिवार को विद्रोहियों ने कहा कि वे होम्स के प्रमुख शहर के उपनगरों में प्रवेश कर चुके हैं. दरअसल, विद्रोहियों ने सीरिया के कई इलाकों में कब्जा कर लिया है. सीरियाई सरकारी सेनाएं नियंत्रण बनाए रखने और राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल के शासन को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं. विद्रोही तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं.
इससे पहले विद्रोही दक्षिणी शहर दारा पर कब्जा कर चुके हैं. यह शहर राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2011 में शुरू हुए विद्रोह का जन्मस्थान है. दारा, सीरिया का चौथा बड़ा शहर है जिसे बशर अल-असद सरकार के समर्थन वाली सेना ने विद्रोहियों के हाथों बीते एक हफ्ते दौरान गंवा दिया है.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने 'व्यवस्थित राजनीतिक परिवर्तन' सुनिश्चित करने के लिए जिनेवा में तत्काल वार्ता का आह्वान किया है. वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को सीरिया में संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए.
रॉयटर्स के मुताबिक विद्रोहियों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने दमिश्क को घेरना शुरू कर दिया है, जबकि सीरियाई सरकारी बलों ने इस बात से इनकार किया है कि वे राजधानी के नज़दीकी इलाकों से हट गए हैं. विद्रोही कमांडर हसन अब्देल गनी ने कहा, "हमारी सेना ने राजधानी दमिश्क को घेरने का अंतिम चरण शुरू कर दिया है."
राष्ट्रपति के देश छोड़ने की खबरों का खंडन
समाचार एजेंसी एएफपी ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा, "दमिश्क के ग्रामीण इलाकों में मौजूद हमारे सशस्त्र बलों के वापस चले जाने का दावा करने वाली खबरों में कोई सच्चाई नहीं है."
बीबीसी के मुताबिक, असद के कार्यालय ने भी उनके देश छोड़कर भागने की खबरों का खंडन किया है और इसे अफवाहें और झूठी खबरें बताया है. साथ ही कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति दमिश्क से ही अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं.
शुक्रवार देर रात उत्तरी होम्स के आसपास लड़ाई शुरू हो गई, जिसमें सरकारी बलों ने विद्रोहियों को पीछे धकेलने के प्रयास में सुदृढ़ीकरण तैनात किया और तीव्र हवाई हमले किए. हालांकि, रॉयटर्स ने होम्स, सेना और विद्रोही समूह के सूत्रों के हवाले से बताया कि शनिवार तक विद्रोहियों ने उत्तर और पूर्व से सुरक्षा में सेंध लगा दी थी.
कई इलाकों पर कब्जा कर चुके हैं विद्रोही
विद्रोहियों का आगे बढ़ना देश भर में सरकारी नियंत्रण के बड़े पतन का हिस्सा है. पिछले हफ़्ते में विद्रोहियों ने उत्तर में अलेप्पो, केंद्र में हमा और पूर्व में डेर अल-ज़ोर सहित प्रमुख शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है. दक्षिणी क्षेत्र जैसे कि कुनेत्रा, डेरा और सुवेदा भी विद्रोहियों के नियंत्रण में आ गए हैं.
विद्रोहियों ने 24 घंटे के भीतर लगभग पूरे दक्षिण-पश्चिम पर कब्ज़ा कर लिया और दमिश्क के 30 किलोमीटर (20 मील) के भीतर तक पहुंच गए. सरकारी बलों को ज़्यादा सुरक्षित स्थानों पर पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रपति के पिता की प्रतिमा को गिराया
राजधानी में फिर से अशांति की संभावना भी सामने आई है. रॉयटर्स के अनुसार, दमिश्क के उपनगर में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर विरोध के प्रतीकात्मक कार्य में राष्ट्रपति असद के पिता की एक प्रतिमा को गिरा दिया, वीडियो फुटेज में स्मारक को ध्वस्त होते हुए दिखाया गया है.
ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, पिछले सप्ताह सीरिया में शुरू हुए हमले में कम से कम 826 लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर लड़ाके हैं, लेकिन 111 नागरिक भी शामिल हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हिंसा के कारण लगभग 3,70,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
अमेरिका बनाएगा दूरी
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि अमेरिका को सीरिया में संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए, जहां विद्रोही सेनाएं राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को धमकी दे रही हैं. सीरिया में गड़बड़ है, लेकिन हमारा दोस्त नहीं है और अमेरिका को इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. यह हमारी लड़ाई नहीं है. इसे चलने दें. इसमें शामिल न हों."
हिज्बुल्लाह ने होम्स को बचाने के लिए भेजे लड़ाके
सीरियाई सेना के एक सूत्र ने कहा कि ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह बलों को होम्स में और उसके निकट सरकारी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है. लेबनान के दो वरिष्ठ सुरक्षा सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि हिज्बुल्लाह ने विद्रोहियों को होम्स पर कब्जा करने से रोकने में असद सरका की मदद करने के लिए अपने लड़ाकों को सीरिया भेजा है. सीरिया की सरकारी मीडिया ने बताया कि सीरियाई और रूसी वायु सेना, आर्टिलरी, मिसाइलों और बख्तरबंद वाहनों के साथ चलाए गए एक ऑपरेशन में शुक्रवार को होम्स ग्रामीण इलाके में दर्जनों विद्रोही मारे गए.