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भगत सिंह के मुकदमे और अन्य कागजात की पाकिस्तान में प्रदर्शनी

भगत सिंह को भारत के साथ ही पाकिस्तान में भी स्वतंत्रता संग्राम के नायक की तरह सम्मान दिया जाता है. सोमवार से इन दस्तावेजों की लाहौर में एक प्रदर्शनी लग रही है.

शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

पाकिस्तान सरकार पहली बार शहीद भगत सिंह पर लाहौर में चले मुकदमे से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को और अन्य महत्वपूर्ण कागजात सार्वजनिक करने जा रही है. भगत सिंह को भारत के साथ ही पाकिस्तान में भी स्वतंत्रता संग्राम के नायक की तरह सम्मान दिया जाता है. सोमवार से इन दस्तावेजों की लाहौर में एक प्रदर्शनी लग रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पाकिस्तान के प्रांत पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया. राज्य के मुख्य सचिव जाहिद सईद ने कहा कि क्रांतिकारी भगत सिंह भारत और पाकिस्तान दोनों के नायक हैं.

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पाकिस्तान के भी हीरो हैं भगत सिंह

पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'अफसरों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भगत सिंह भारत और पाकिस्तान दोनों के स्वतंत्रता संग्राम के नायक हैं. इसलिए लोगों को भगत सिंह और उनके साथियों के ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता संग्राम के बारे में जानने का पूरा हक है.'

लाहौर के अनारकली मकबरे में स्थित पंजाब पुरालेख विभाग के कार्यालय में यह प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस प्रदर्शनी में भगत सिंह द्वारा जेल से उनके पिता को लिखे पत्र, उनकी किताबें, अखबार, डरग्राउंड रहने के दौरान जिन होटलों में वह ठहरे थे उनके बारे में जानकारी आदि शामिल होंगे. इनमें भगत सिंह के दस्तखत वाले वे लेटर भी शामिल हैं जो उन्होंने जेल अधिकारियों को कुछ सुविधाएं देने के लिए लिखे थे. प्रदर्शनी में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को दोषी ठहराए जाने वाले अदालत के आदेश, उनके खिलाफ ब्लैक वारंट और फांसी की पुष्टि वाली जेलर की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाएगी.

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भगत सिंह द्वारा जेल में पढ़ी जाने वाली किताबें भी प्रदर्शन के लिए रखी जाएंगी. गौरतलब है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई थी. उन पर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया था.

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