
डोकलाम मसले पर चीन के झूठ का पर्दाफाश हो गया है. भूटान सरकार ने डोकलाम मामले पर भारत को सही ठहराते हुए चीन के दावे को खारिज कर दिया है. भूटान सरकार ने डोकलाम पर चीन के विदेश मंत्रालय के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि सिक्किम सेक्टर पर स्थित डोकलाम उसका (चीन) हिस्सा नहीं है. भूटान के इस बयान से भारत के उस दावे को बल मिला है, जिसमें कहा गया कि चीन भूटान के क्षेत्र में सड़क बना रहा है.
चीन के शीर्ष राजनयिक वांग वेनली ने दावा किया था कि भूटान ने राजनयिक चैनल के जरिए बताया है कि डोकलाम का विवादित क्षेत्र उसके हिस्से में नहीं आता है. वेनली चीन के सीमा एवं महासागर मामले विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल हैं. बुधवार को उन्होंने यह दावा भारतीय मीडिया के सामने किया था. हालांकि वेनली ने इस बाबत किसी तरह का कोई सबूत नहीं उपलब्ध कराया था.
भूटान सरकार के सूत्रों ने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है. आप 29 जून 2017 को भूटान विदेश विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित बयान को भी देख लीजिए. मालूम हो कि डोकलाम विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए भूटान ने 29 जून को कहा था कि चीन भूटान के भूभाग में सड़क बना रहा है, जो सीधे तौर पर सीमा समझौता का उल्लंघन है.
भूटान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 16 जून 2017 को चीनी सेना ने डोकलाम इलाके के डोकोला से जोम्पेरली स्थित भूटान आर्मी कैंप की तरह सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है. भूटान ने कहा कि जब तक सीमा विवाद का समाधान नहीं हो जाता है, तब तक शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए चीन के साथ साल 1988 और 1998 में सीमा समझौता हुआ था. भूटान ने यह भी उम्मीद जताई कि चीन 16 जून 2017 से पहले की तरह डोकलाम इलाके में यथास्थिति बनाए रखेगा.