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'सत्ता में आया तो जेल से रिहा कर दूंगा', बिलावल भुट्टो का इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं को ऑफर!

लाहौर में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए बिलावल ने पीटीआई कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे 8 फरवरी के चुनावों में उनका समर्थन करें और बदले में वह प्रतिशोध की राजनीति को खत्म कर देंगे और जेल में बंद सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर देंगे.

बिलावल भुट्टो ने लाहौर में एक रैली के दौरान बयान दिया (फाइल फोटो) बिलावल भुट्टो ने लाहौर में एक रैली के दौरान बयान दिया (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • लाहौर,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:34 AM IST

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश में अगले महीने होने वाले आम चुनाव में सत्ता में आने के बाद इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के 10 हजार से अधिक जेल में बंद कार्यकर्ताओं को रिहा करने का संकेत दिया है.

रविवार को लाहौर में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए बिलावल ने पीटीआई कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे 8 फरवरी के चुनावों में उनका समर्थन करें और बदले में वह प्रतिशोध की राजनीति को खत्म कर देंगे और जेल में बंद सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर देंगे.

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बिलावल ने वादा किया, "शरीफ की पीएमएल-एन पीटीआई से बदला ले रही है. मैं पीटीआई कार्यकर्ताओं से मेरा समर्थन करने के लिए कहता हूं. अगर मैं सत्ता में आया, तो मैं पीटीआई सहित सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दूंगा."

दरअसल, पीटीआई का कहना है कि पिछले साल मई में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में कथित संलिप्तता के लिए 10,000 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता अभी भी जेलों में बंद हैं, जिनमें से ज्यादातर पंजाब और किबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हैं.

चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को उसके प्रतिष्ठित सिंबल क्रिकेट 'बैट' से वंचित कर दिया है, इसलिए उसके सभी उम्मीदवार अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं. चूंकि सैन्य प्रतिष्ठान पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों को प्रचार करने की अनुमति नहीं दे रहा है, इसलिए पीपीपी और जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान जैसी अन्य पार्टियां पीटीआई समर्थकों को लुभा रही हैं.

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शहबाज शरीफ की 16 महीने की सरकार में विदेश मंत्री रहे बिलावल ने कहा, "मैं लोगों के समर्थन से नफरत और विभाजन की राजनीति को खत्म करना चाहता हूं. नवाज शरीफ ऐसा नहीं चाहते. वह बदला चाहते हैं और 1990 के दशक की राजनीति में रुचि रखते हैं. पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों को अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहिए." 

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