
चीन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक अग्रिम चौकी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की मौजूदगी की खबरों का सोमवार को कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि उसे इस बात का 'खेद है' कि मीडिया वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ घुसपैठ की खबरों को अक्सर उछालता रहता है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कोंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौगाम सेक्टर के सामने एक अग्रिम चौकी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'आपने जिस घटना का उल्लेख किया, मैंने उसके बारे में नहीं सुना.'
मैत्री सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का आधार
पीएलए सैनिकों द्वारा लद्दाख सेक्टर में घुसपैठ की हाल में आई खबरों के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल पर कोंग ने कहा, 'सीमा से आगे ऐसी कोई चीज नहीं.'
उन्होंने कहा, 'हमें इस बात का गहरा खेद है कि मीडिया इस तरह के मुद्दे को रह-रहकर उछालता रहता है. भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की अच्छी गति हासिल हुई है. मैत्री सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का आधार है.'
बातचीत के जरिए हल हो कश्मीर मुद्दा
कोंग ने साथ ही कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख को दोहराया और कहा कि 'कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख एक समान रहा है.' उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि प्रासंगिक मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास का एक बचा हुआ मुद्दा है. हमारा कहना है कि दोनों देशों को इसे बातचीत और मशविरे से उचित तरीके से सुलझाना चाहिए.'
यह पूछे जाने पर कि क्या पीएलए सैनिकों की मौजूदगी 46 अरब डॉलर वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के कार्य से जुड़ी हुई है, जिस पर भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया है, कोंग ने मात्र कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख को दोहराया.
भारत ने दर्ज किया है विरोध
भारत ने चीन के शिंजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाले गलियारे को लेकर चीन से अपना विरोध दर्ज कराया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में काराकोरम राजमार्ग से लगता हुआ है.
गलियारा रेशम मार्ग पहल का हिस्सा
चीन का कहना है कि गलियारा रेशम मार्ग पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों की आजीविका सुधारना है और यह किसी भी तरह से कश्मीर मुद्दे को प्रभावित नहीं करता. भारत और चीन ने घुसपैठ के मुद्दे पर चर्चा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र स्थापित किया है.