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अब अरुणाचल को लेकर तनातनी, भारतीय पेट्रोलिंग को चीन ने बताया 'अतिक्रमण'

भारत और चीन के बीच डोकलाम के बाद अब अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है. सामरिक नजरिए से बेहद अहम अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही चीन ने इस क्षेत्र में एक बार फिर से अपना दावा ठोका है. उसने इस क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • किबिथू,
  • 08 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

भारत और चीन के बीच डोकलाम के बाद अब अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है. सामरिक नजरिए से बेहद अहम अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही चीन ने इस क्षेत्र में एक बार फिर से अपना दावा ठोका है. उसने इस क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया है. चीन का दावा है कि असफिला क्षेत्र उसका हिस्सा है. हालांकि भारतीय सेना ने चीनी सेना के इन आरोपों और आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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सूत्रों के मुताबिक चीन ने इस मुद्दे को 15 मार्च को बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान उठाया, जिसे भारतीय सेना ने फौरन सिरे से खारिज कर दिया. यह बैठक किबिथू इलाके में चीन की तरफ दईमाई चौकी पर हुई. भारतीय सेना ने असफिला क्षेत्र में चीन के दावों को भी खारिज किया है. भारत ने कहा कि असफिला अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी क्षेत्र का हिस्सा है और भारतीय सेना इस इलाके में लगातार पेट्रोलिंग करती आ रही है. सूत्रों ने बताया कि चीन ने असफिला इलाके में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया, जिस पर भारतीय सेना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई.

असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग करने का चीन द्वारा विरोध किया जाना हैरान करने वाला है. इस इलाके में चीन की सेना अक्सर घुसपैठ करती रहती है, जिसको भारतीय सेना गंभीरता से लेती है. इससे पहले इस क्षेत्र में चीन ने निर्माण कार्य करने की कोशिश की थी, जिसका भारतीय सेना ने कड़ा विरोध किया था. इसके बाद चीन को यहां पर निर्माण कार्य को बंद करना पड़ा था. बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान दोनों देशों की ओर से सीमा पर होने वाली घुसपैठ की घटनाओं और ऐसे मुद्दों को उठाया जाता है, जिसके चलते सीमा पर तनाव पैदा होने की आशंका होती है.

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PLA  ने कहा- दोनों देशों के बीच बढ़ सकता है तनाव

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय सैनिकों द्वारा असाफिला में सघन पेट्रोलिंग का जिक्र करते हुए कहा इस तरह के कथित 'उल्लंघन' से इलाके में दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ सकता है. हालांकि चीनी ऐतराज को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि उसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बारे में भलीभांति जानते हैं और सेना एलएसी तक अपनी पेट्रोलिंग जारी रखेगी. इस इलाके में सीमा के बारे में भारत और चीन की अवधारणाएं अलग-अलग हैं.

सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने पिछले साल 21, 22 और 23 दिसंबर को असाफिला में फिशटेल-एक के निकट बड़े पैमाने पर भारतीय सेना की पेट्रोलिंग का जिक्र किया. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ाने वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग आयोजित हुई थी. अरूणाचल प्रदेश में बमला और किबिथू, लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी व चुशुल और सिक्किम में नाथूला में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पांच बीपीएम प्वाइंट हैं.

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार

बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान चीन ने भारत पर पिछले साल दिसंबर में तूतिंग में सड़क निर्माण के उसके उपकरण को भी क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया. आरोप है कि यह घटना तब हुई, जब चीन के सड़क निर्माण से जुड़ा दल भारत के विरोध के बाद अपना उपकरण वहां छोड़कर चला गया था. सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने आरोपों से इंकार किया. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने डोकलाम गतिरोध के बाद एलएसी के पास किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए युद्धाभ्यास तेज कर दिया है. सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’’

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