
चीन ने पिछले साल भारत के साथ हुए डोकलाम सीमा विवाद के बारे में भूटान से बात की है. चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयो की भूटान यात्रा के दौरान यह बातचीत हुई है. यह किसी चीनी मंत्री की एक दुर्लभ यात्रा कही जाएगी, क्योंंकि भूटान की विदेश नीति पहले भारत की रजामंदी से चलती रही है.
भूटान के साथ चीन के औपचारिक राजनयिक रिश्ते नहीं हैं. इसके बावजूद दोनों देश अपने सीमा संबंधी मसलों को हल करने के लिए 24 दौर की वार्ता कर चुके हैं. इस बारे में भी बात हुई कि 25वीं दौर की वार्ता संपन्न की जाए जिसे कि पिछले साल चीन में ही होना था, लेकिन नहीं हो पाई.
पिछले साल डोकलाम विवाद की वजह से भूटान के साथ भी चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. डोकलाम को भारत और भूटान दोनों भूटानी क्षेत्र मानते हैं, लेकिन चीन ने इस इलाके में अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत की थी और सड़क का निर्माण शुरू किया था. इसको लेकर भारत और चीन की सेनाएं करीब 72 दिन तक आमने-सामने डटी रही थीं. लेकिन इस साल अप्रैल और जून में पीएम मोदी की चीन यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में नरमी आई थी.
अब चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयो की इस यात्रा से चीन और भूटान के रिश्ते भी सुधरते दिख रहे हैं. भूटान ने कोंग का अच्छा स्वागत किया है, भले ही वह अपने विभाग के वरिष्ठ मंत्री नहीं हैं.
चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक कोंग अपनी इस यात्रा में न केवल भूटान के प्रधामंत्री त्सेरिंग तोबगे और विदेश मंत्री दामचो दोरजी से मुलाकात करेंगे, बल्कि भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक तथा उनके पिता चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से भी मुलाकात करेंगे.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बताया, 'दोनों पक्षों ने चीन-भूटान रिश्तों और सीमा संबंधी मसलों पर बात की है. दोनों पक्षों में कई समझौते भी हुए हैं.'