
भारतीय राजनीति में सोमवार को जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कोका कोला पर दिए गए बयान पर खूब चर्चा हुई, वहीं दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की मुलाकात सुर्खियां बटोर रही है. इन दोनों घटनाओं में एक सामान्य चीज कोका कोला बन गई है.
दरअसल, कोका कोला एक अमेरिकी कंपनी है, जिसकी बिक्री दुनियाभर में होती है. 1886 में उत्पादन शुरू करने के बाद इस कंपनी ने दुनिया के हर मुल्क तक अपनी सप्लाई पहुंचाई है और आज कोका-कोला की करीब दो अरब बोतलें रोज बिकती हैं. लेकिन दुनिया के दो मुल्क ऐसे भी हैं, जहां कोका कोला की बिक्री पर प्रतिबंध है.
ऐसे में आज की मीटिंग में जहां डोनाल्ड ट्रंप किम जोंग उन से परमाणु निरस्त्रीकरण पर जोर दे सकते हैं, वहीं उत्तर कोरिया भी अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ाने पर बात कर सकता है. अगर दोनों नेताओं की इस ऐतिहासिक मीटिंग के परिणाम सकारात्मक निकलते हैं, तो मुमकिन है उत्तर कोरिया में कोका कोला भी वैध रूप से मुहैया होने लगे.
राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था. वो अमरीका में शिकंजी बेचता था. पानी में चीनी मिलाता था. उसके अनुभव, हुनर का आदर हुआ. राहुल के इस बयान पर उनकी खूब आलोचना हो रही है.