
अमेरिका समेत जी-7 देशों ने शनिवार को कहा है कि रूस की ओर से क्रीमिया के विलय के बाद अगर उसकी गतिविधियां प्रतिकूल रहीं तो उसके खिलाफ लगाये गये प्रतिबंधों को कड़ा करने के लिए समूह तैयार है. जी-7 के बयान के मुताबिक ‘हमें याद है कि पाबंदियों की अवधि मिंस्क समझौतों में और यूक्रेन की संप्रभुता के सम्मान के लिए रूस की प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन से जुड़ी हैं. रूस अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करे तो पाबंदियों को वापस लिया जा सकता है.
जी-7 ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो हम रूस पर हर्जाना बढ़ाने के लिए और प्रतिबंधात्मक कदम उठाने के लिए भी तैयार हैं. समूह ने कहा है कि हम यूक्रेन के महत्वाकांक्षी और सुधारवादी एजेंडे को लागू करने में उसकी मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष सलाहकारों में से एक का कहना है कि ट्रंप पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगे प्रतिबंधों को बनाए रखने का पक्षधर हैं. यूक्रेन संघर्ष में रूस की कथित भूमिका की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं. जी-7 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक गैरी कोन्ह ने संवाददाताओं को बताया, 'हम रूस पर लगे प्रतिबंधों को कम नहीं करने जा रहे, अगर जरूरत पड़ी तो हम रूस पर प्रतिबंधों को और कड़ा करेंगे'.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सलाहकार ने यह स्वीकार किया कि उनके पिछले बयानों से ट्रंप की मंशा पर संदेह पैदा हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्हें अधिक स्पष्ट होना चाहिए था. उनका यह बयान इन अटकलों के बीच आया है कि अमेरिका, रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देना चाहता है.
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने जी-7 देशों से रूस पर लगे प्रतिबंधों लेकर एकजुटता रखने की अपील की है. जी-7 देशों में अमेरिका, जर्मनी, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और कनाडा शामिल हैं.