
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को कुछ दिन पहले कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था, हालांकि अब उन्हें आराम है और वह स्वीडन के अपने घर में आराम कर रही हैं. थनबर्ग ने बताया है कि कुछ दिन पहले वह सेंट्रल यूरोप के दौरे पर थीं, जहां उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ. थनबर्ग के मुताबिक, जब वे अपने देश लौटीं तो उन्होंने एक फ्लैट किराए पर लिया और खुद को आइसोलेशन में रखा. हालांकि अब वे इस बीमारी से तेजी से उबर रही हैं.
ब्लूमबर्ग ने ग्रेटा थनबर्ग के हवाले से लिखा है कि संक्रमण होते ही उनके अंदर कुछ-कुछ लक्षण दिखने लगे थे. थनबर्ग के साथ तब ज्यादा दिक्कत हो गई जब उनके संक्रमण के कारण उनके पिता को भी कोविड-19 हो गया और बुरी तरह बीमार हो गए. थनबर्ग की तरह अब उनके पिता भी रिकवर हो रहे हैं.
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थनबर्ग ने अपने पोस्ट में लिखा है, मुझे थकान, कंपकंपी, गले में खराश और खांसी की शिकायत थी. मेरे पिता को भी यही लक्षण थे लेकिन उनकी हालत ज्यादा खराब थी, क्योंकि उन्हें तेज बुखार था.
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बता दें, स्वीडन में कोरोना का टेस्ट उन्हीं का हो रहा है जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है. बीमार हेल्थ वर्कर को प्राथमिकता दी जा रही है. थनबर्ग ने कहा कि उन्होंने कोरोना का टेस्ट नहीं कराया लेकिन उन्हें पूरी आशंका है कि कोरोना का इनफेक्शन था.
यूरोप के अन्य देशों की तरह स्वीडन ने भी कोरोना के खतरे को देखते हुए कई पाबंदियां लगाई हैं. अब तक वहां 2,272 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं और कुल 36 लोगों की जान भी जा चुकी है. थनबर्ग का कहना है कि उनके लक्षण इतने हल्के थे कि शायद ही कोई नोटिस कर पाए लेकिन मामला गंभीर हो सकता था.
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थनबर्ग ने इस बीमारी के बारे में बताया है कि कई लोग खासकर युवा इस बीमारी के लक्षण जल्दी नहीं पकड़ पाते क्योंकि ये काफी हल्के होते हैं. थनबर्ग ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा है कि कृपया एक्सपर्ट और लोकल अथॉरिटी की सलाह का पूरा पालन करें और ज्यादा से ज्यादा घर पर रहें ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके.
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