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ब्रसेल्स में हमले के बाद ट्रंप, क्रूज ने मुस्लिम पड़ोसियों पर नजर रखे जाने की वकालत की

राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के दावेदारों डोनाल्ड ट्रंप और टेड क्रूज ने ब्रसेल्स में भयावह आतंकवादी हमले के बाद मुस्लिम पड़ोसियों पर निगरानी बढ़ाए जाने की वकालत की है. ब्रसेल्स में हुए हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए हैं.

लव रघुवंशी/BHASHA
  • वाशिंगटन,
  • 23 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के दावेदारों डोनाल्ड ट्रंप और टेड क्रूज ने ब्रसेल्स में भयावह आतंकवादी हमले के बाद मुस्लिम पड़ोसियों पर निगरानी बढ़ाए जाने की वकालत की है. ब्रसेल्स में हुए हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए हैं.

दोनों रिपब्लिकन नेताओं के इन बयानों की डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य थिंक टैंकों ने निंदा की है और इन्हें एक अत्यंत खतरनाक बयानबाजी करार दिया है.

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क्रूज ने ट्रंप के सुर में सुर मिलाए
क्रूज ने ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए कहा, ‘हमें उन देशों से शरणार्थियों का आगमन तत्काल रोकने की आवश्यकता है जहां अलकायदा या आईएसआईएस बड़े स्तर पर मौजूद है. हमें मुस्लिम पड़ोसियों के कट्टरपंथी बनने से पहले उन पर नजर रखने और उनकी सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन को सशक्त बनाने की आवश्यकता है.’

कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ युद्ध: क्रूज
45 वर्षीय क्रूज ने कहा, ‘यह ऐसी पहली घटना नहीं है. यह कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ युद्ध है. आईएसआईएस ने यूरोप और अमेरिका के खिलाफ जिहाद की घोषणा की है.’ ट्रंप ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में मुस्लिमों का देश में प्रवेश वर्जित करने के अपने पहले के बयान को दोहराया.

ट्रंप ने सरकार को बताया असमर्थ
69 वर्षीय ट्रंप ने कहा, ‘हमारी एक वास्तविक समस्या यह है कि लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि क्या हो रहा हैं. हमारी सरकार असमर्थ है, यह एक ऐसी सरकार है जिसे यह समझ नहीं आता कि क्या हो रहा है.’ डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति (डीएनसी) ने कहा कि ट्रंप के बयान दर्शाते हैं कि वह राष्ट्रपति बनने के योग्य नहीं हैं.

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डीएनसी के अध्यक्ष डेब्बी वास्सरमैन शुल्त्ज ने क्रूज के बयानों को अवसरवादी एवं अनुचित राजनीति करार दिया.

राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने की दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि वे चरमपंथी जिहाद और आईएसआईएस एवं अन्य आतंकवादी समूहों को हराने में तभी अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं यदि वे उन देशों से गठबंधन करें जो मुख्य रूप से मुस्लिम हैं.

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