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डोनाल्ड ट्रंप को ईरान की दो टूक, परमाणु करार में नहीं करेंगे बदलाव

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि 2015 में कोई समझौता नहीं किया जा सकता. ईरानी विदेश मंत्रालय के बयान में 14 लोगों पर नए प्रतिबंधों की आलोचना की गई. मानवाधिकार मुद्दों और ईरान के मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर ये प्रतिबंध अमेरिका ने शुक्रवार को लगाए थे.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
राहुल विश्वकर्मा
  • तेहरान/वाशिंगटन,
  • 13 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

परमाणु करार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर ईरान ने भी पलटवार किया है. ईरान ने दो टूक कह दिया है कि वह अपने परमाणु समझौते में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करेगा. ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईरान इस समझौते में किसी बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा, चाहे यह अब हो या बाद में हो.

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ट्रंप ने प्रतिबंध लगाने की हिमायत की थी

ट्रंप ने परमाणु करार से जुड़े प्रतिबंधों में राहत देते हुए यह कहा था कि यूरोपीय साझेदार समझौते के घातक शर्तों को तय करें, अन्यथा अमेरिका इससे हट जाएगा. ट्रंप ने कहा था कि नए समझौते के साथ ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को रोकना चाहिए और ईरान के परमाणु संयंत्रों पर स्थायी प्रतिबंधों को शामिल करना चाहिए.

ट्रंप की मांग ईरान ने खारिज की

ट्रंप के इस बयान पर ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि 2015 में कोई समझौता नहीं किया जा सकता. ईरानी विदेश मंत्रालय के बयान में 14 लोगों पर नए प्रतिबंधों की आलोचना की गई. मानवाधिकार मुद्दों और ईरान के मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर ये प्रतिबंध अमेरिका ने शुक्रवार को लगाए थे.

आखिरी बार माफ करेंगे: ट्रंप

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इससे पहले व्हाइट हाउस ने बताया था कि ट्रंप आखिरी बार ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को माफ करेंगे लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अगले 120 दिन के अंदर अमेरिका और यूरोप के बीच एक समझौता हो जाए, ताकि परमाणु सौदा मजबूत हो सके. ट्रंप ने एक बयान में बताया कि मैंने अब तक अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग नहीं किया है.

परमाणु करार से अलग होने की दी चेतावनी

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खास कर अपने यूरोपीय सहयोगियों से कहा है कि या तो ‘संयुक्त समग्र कार्य योजना’ (JCPOA) को दुरुस्त किया जाए या वह अमेरिका को परमाणु समझौते से अलग कर लेंगे. अपने बयान में उन्होंने कहा कि यह आखिरी बार है. (अमेरिका और यूरोपीय शक्तियों के बीच) कोई ऐसा समझौता न होने की स्थिति में अमेरिका ईरान परमाणु समझौते में बने रहने के लिए एक बार फिर से प्रतिबंधों को माफ नहीं करेगा.

2015 में हटाए गए थे प्रतिबंध

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह जल्द ही इस बारे में फैसला करेंगे कि ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने हैं या नहीं. ईरान और दुनिया के छह प्रमुख राष्ट्रों-अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी के बीच ऐतिहासिक परमाणु करार पर हस्ताक्षर होने के बाद 2015 में तेहरान के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया था.

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बराक ओबामा के करार में कई खामियां

ट्रंप ने बीते अक्टूबर में ऐलान किया था कि यह अमेरिका की ओर से किए गए अब तक के समझौतों में से एक बेहद खराब और एक तरफ झुका हुआ समझौता था. उन्होंने ईरान पर समझौते के उल्लंघनों का आरोप लगाया था और वादा किया था कि समझौतों की कई खामियों को दूर करने के लिए वह कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेंगे. वरिष्ठ रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रूबियो ने कहा है कि बराक ओबामा के समय हुए समझौते में बहुत खामियां हैं और ईरान को प्रतिबंधों से छूट नहीं दी जानी चाहिए.

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