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पहले दिन ही टूट गया सीजफायर! हिज्बुल्लाह को लेकर सीधे भिड़ गया इजरायल, लेबनान ने भी दिखाईं आंखें

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए सीजफायर समझौते की शर्तों के तहत हिज्बुल्लाह के लड़ाकों और इजरायली सेना को इन 60 दिनों के भीतर पूरी तरह से दक्षिणी लेबनान से पीछे हट जाना है. इसके बाद लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूत इन इलाकों में तैनात होंगे.

इजरायल और हिज्बुल्लाह सीजफायर उल्लंघन के आरोप इजरायल और हिज्बुल्लाह सीजफायर उल्लंघन के आरोप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिनों के सीजफायर को लागू हुए दो दिन हो चुके हैं. लेकिन दो दिनों के भीतर ही सीजफायर के उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं. दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर सीजफायर एग्रीमेंट का उल्लंघन करने के आरोप लगा रहे हैं. 

इजरायली सेना का कहना है कि कुछ संदिग्धों के गाड़ियों के काफिले को दक्षिणी लेबनान की ओर जाते देखा गया, जिस वजह से उन्होंने हमला किया. हिज्बुल्लाह ने सीजफायर की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिस वजह से हमने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों में अटैक किया. 

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लेबनान की सेना ने इजरायल पर आरोप लगाया है कि नेतन्याहू की सेना ने बुधवार और गुरुवार को कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिज्बुल्लाह की सेंट्रल लीडरशिप ने जारी बयान में कहा है कि हमारी उंगलियां ट्रिगर पर रखी हुई हैं और हम लेबनान की सीमा के पार भी इजराइली सेना की वापसी पर नजर रखेंगे.

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए सीजफायर समझौते की शर्तों के तहत हिज्बुल्लाह के लड़ाकों और इजरायली सेना को इन 60 दिनों के भीतर पूरी तरह से दक्षिणी लेबनान से पीछे हट जाना है. इसके बाद लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूत इन इलाकों में तैनात होंगे.

बता दें कि बुधवार सुबह शुरू हुए सीजफायर के बाद इजरायल ने लिटानी नदी के पास बेसारिया के पास एयरस्ट्राइक की. इस डील में कहा गया है कि लेबनान में लिाटनी नदी के आसपास के इलाकों में हिज्बुल्लाह के ठिकानों को नष्ट किया जाएगा. 

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सीजफायर उल्लंघन पर नेतन्याहू ने क्या कहा था?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कह दिया है कि उन्होंने इजरायली सेना को सीजफायर का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में तैयार रहने को कहा है. 

इजरायली पीएम नेतन्याहू ने युद्धविराम की अवधि बढ़ाए जाने के सवाल पर कहा है कि युद्धविराम की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि लेबनान में क्या होता है? अगर हिज्बुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है और खुद को हथियारबंद करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे, अगर वह सीमा के पास आतंकवादी बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे. अगर वह रॉकेट लॉन्च करता है, अगर वह सुरंग खोदता है, अगर वह रॉकेट ले जाने वाला ट्रक लाता है, तो हम हमला करेंगे.

सीजफायर समझौते के तहत इजरायली सैनिकों को दक्षिण लेबनान से वापस जाना होगा और लेबनान की सेना इस क्षेत्र में तैनात होगी. इसके साथ ही हिज्बुल्लाह लिटानी नदी के दक्षिणी सीमा पर अपनी सशस्त्र मौजूदगी भी खत्म कर देगा. लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला ने कहा है कि लेबनान की सेना इजरायली सैनिकों के वापस जाने पर दक्षिणी लेबनान में कम से कम 5000 सैनिकों को तैनात करने के लिए तैयार है.

14 महीनों में कितना तबाह हुआ हिज्बुल्लाह?

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इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच पिछले 14 महीनों से जारी जारी थी. इजरायल का कहना है कि हिज्बुल्लाह के साथ बीते 14 महीनों की जंग में उन्होंने चरमपंथी संगठन के 12000 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है जिनमें हिज्बुल्लाह के 1600 कमांड सेंटर्स और 1000 हथियार डिपो शामिल हैं.

आईडीएफ ने कहा कि इस दौरान हिज्बुल्लाह के 2500 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया है. हालांकि, एक अनुमान के मुताबिक, यह आंकड़ा 3500 हो सकता है. मारे गए आतंकियों में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह भी शामिल हैं.

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