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जापान और अमेरिका की नौसैना ने पूर्वी चीन सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया. यह सैन्य अभ्यास उत्तर कोरिया को फिर से चेताने के लिए किया गया है. हाल ही में उत्तर कोरिया ने अमेरिका और जापान समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चेतावनी को दरकिनार कर मिसाइल प्रक्षेपण किए, जिसके बाद से क्षेत्र में तनाव गहरा गया है.
‘सैनकी शींबून’अखबार और समाचार एजेंसी ‘क्योदा’ने सूत्रों के हवाले से बताया, ‘‘इस सप्ताह के शुरुआत में जापान और अमेरिका की नौसेना ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया था. इसमें जापानी विध्वंसक और अमेरिकी नौसैनिक पोत प्रहार बल शामिल रहे।’’अखबार के मुताबिक इस अभ्यास का मकसद उत्तर कोरिया को कड़ी चेतावनी देना था. साथ ही पूर्वी चीन सागर में जापानी-अमेरिकी सैन्य बल की मौजूदगी दर्ज करवाना था. इस इलाके में चीन और जापान के बीच लंबे समय निर्जन टापूओं को लेकर विवाद चल रहा है. जापान में ये द्वीप समूह सेनकाकू और चीन में दियाओयू के नाम से जाने जाते हैं.
अमेरिकी प्रशासन ने जापान को आश्वासन दिया है कि सेनकाकू द्वीप समूह सुरक्षा संधि के तहत आते हैं और अगर किसी तरह का हमला किया गया, तो अमेरिका उनकी सुरक्षा करेगा. वहीं, मामले में जापान रक्षा मंत्रालय ने कुछ भी कहने से इनकार किया है. हालांकि जापान में अमेरिकी नौसेना ने कहा कि वह उन पर नजर बनाए हुए हैं.
सोमवार को उत्तर कोरिया की ओर से चार बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण के बाद यह सैन्य अभ्यास सामने आया है. उत्तर कोरिया की ओर से दागी गई तीन मिसाइलें जापान सीमा के पास जाकर गिरी थीं, जिसकी अमेरिका एक सुरक्षा संधि के तहत रक्षा करने को बाध्य है.