
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ऐलान किया कि भारत मालदीव से अपनी सेना वापस बुलाने पर सहमत हो गया है. राष्ट्रपति मुइज्जू ने माले में संवाददाताओं से कहा कि हमारी चर्चा के दौरान भारत सरकार भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमत हुई है. दोनों देशों ने विकास परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का भी फैसला किया है.
मालदीव के राष्ट्रपति के बयान के बावजूद भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष अब इस मुद्दे पर चर्चा में लगे हुए हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि UAE में COP29 जलवायु शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति के बीच बैठक के दौरान सेना की वापसी के मुद्दे पर संक्षेप में चर्चा की गई. इसके बाद मुइज्जू ने ये घोषणा की है.
बता दें कि मालदीव रणनीतिक रूप से भारत और चीन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यहां 2013 से ही लामू और अद्दू द्वीप पर भारतीय सैनिक तैनात हैं. भारतीय नौसैनिक भी मालदीव में तैनात हैं. इंडियन नेवी ने वहां 10 कोस्टल सर्विलांस रडार इंस्टॉल कर रखे हैं. पद संभालने पर मुइज्जू ने घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी हिंद महासागर द्वीपसमूह में विदेशी सैन्य उपस्थिति को खत्म करना है.
केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि मालदीव सरकार ने भारतीय सैनिकों के ऑपरेशन के फायदों को स्वीकार किया. सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि यह हमारी द्विपक्षीय विकास साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इन्हें कैसे क्रियान्वित किया जाए, इस पर चर्चा चल रही है.
हाल ही में सत्ता में आए मुइज्जू ने 18 नवंबर को औपचारिक रूप से भारत से अनुरोध किया था कि वह मालदीव से अपनी सैन्य उपस्थिति वापस करे. उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनका देश अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए किसी भी 'विदेशी सैन्य उपस्थिति' से मुक्त हो.
इससे पहले मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में फंसने के लिए बहुत छोटा है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मालदीव की मौजूदा विदेश नीति में हस्तक्षेप करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे देश की विदेश नीति में हस्तक्षेप करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. अक्टूबर में मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव में अपनी सैन्य उपस्थिति हटाने के लिए भारत के साथ बातचीत शुरू हो गई है. भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य अभियान हथियार था, जिसने पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को अपदस्थ कर दिया था.