
सेना के जरिए हिरासत में लिए जाने के बाद माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया और संसद को भी भंग कर दिया गया है. दरअसल, माली पहले से ही जिहादी विद्रोह का सामना कर रहा है और यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक राष्ट्रपति कीता ने स्टेट टेलीविजन पर प्रसारित एक संक्षिप्त संबोधन में इस्तीफा दे दिया. इस दौरान कीता थके हुए नजर आ रहे थे और उन्होंने सर्जिकल मास्क भी पहना हुआ था. उन्होंने कहा कि अगर आज हमारे सशस्त्र बलों के कुछ तत्व चाहते हैं कि यह उनके हस्तक्षेप से समाप्त हो जाए, तो क्या मेरे पास वास्तव में कोई विकल्प है?
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हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि विद्रोह का नेतृत्व कौन कर रहा था और अब कीता की अनुपस्थिति में कौन शासन करेगा या विद्रोही क्या चाहते हैं. बता दें कि माली कभी फ्रांस का उपनिवेश रहा है. माली में साल 2012 में भी तख्तापलट हुआ था. फिलहाल माली में हालात तनावपूर्ण हैं और सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की ओर से प्रदर्शन भी किया जा रहा है.
बनाया बंदी
वहीं माली में फिलहाल काफी उथल-पुथल का माहौल है, जो कि आर्मी के केंद्र रहे काटी शहर से शुरू हुआ. यहां पर सैनिक शास्त्रागार में घुस गए और हथियारों पर कब्जा कर लिया और उन्होंने सीनियर मिलिट्री अधिकारियों को बंदी बना लिया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी हिरासत में ले लिया था.