
नए संविधान के विरोध में व और अधिक अधिकारों, समुचित प्रतिनिधित्व तथा प्रांतीय सीमाओं के पुर्ननिर्धारण जैसी अपनी मांगों को लेकर रविवार को मधेशियों ने एक बार फिर प्रदर्शन किया. सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों मधेशियों की इस दौरान नेपाल पुलिस के साथ झड़प भी हुई.
देश के मुख्य प्रशासनीक क्षेत्र सिंहदरबार के आसपास प्रदर्शन के कारण घंटों यातायात बाधित रहा. सरकारी दफ्तर खुलने से एक घंटे पहले सिंहदरबार और नयाबानेश्वर क्षेत्रों में करीब 2,000 प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए. उन्होंने जबरन प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसके कारण दंगा-निरोधी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई.
तख्तियां लेकर प्रदर्शन
बता दें कि नेपाल में महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसी बल की है. प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर सरकार-विरोधी और मधेशी-समर्थक नारे लिखे हुए थे. विभिन्न मधेशी राजनीतिक दलों और 22 अन्य जातीय समूहों के संगठन, फेडरल एलायंस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
शनिवार से जारी है प्रदर्शन
क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तड़के से ही बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. गठबंधन में शामिल दलों में से एक, नेपाल सदभावना पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मण लाल कर्ण ने कहा, 'हमारी मांगों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व, राज्य की विभिन्न तंत्रों में मधेशियों और अन्य वंचित तबकों को समेकित प्रतिनिधित्व और भाषा व नागरिकता प्रमाणपत्र संबंधी अधिकार शामिल हैं.' गठबंधन ने काठमांडो में अपने ताजा प्रदर्शनों की शुरुआत शनिवार से की है.