Advertisement

महिला होने के कारण मेरी मां नहीं बन पाई भारत में जज- निक्की हेली

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेली ने कहा कि उनकी मां संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एंबेसडर चुने जाने पर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि अगर मेरी मां जज बनती तो वह भारत की पहली महिला जजों में से एक होती.

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एंबेसडर निकी हेली संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एंबेसडर निकी हेली
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एम्बेसडर निक्की हेली ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा है कि उनकी मां को महिला होने के कारण भारत में जज नहीं बनने दिया गया. उन्होंने कहा कि मेरी मां इस काबिल थी, लेकिन क्योंकि वह महिला थी इसलिये वह ऐसा नहीं कर पाईं.

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेली ने कहा कि उनकी मां संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एंबेसडर चुने जाने पर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि अगर मेरी मां जज बनती तो वह भारत की पहली महिला जजों में से एक होती.

Advertisement

अन्ना चांडी थी पहली महिला जज
भारतीय मूल की निक्की हेली के माता-पिता 1960 में भारत छोड़कर अमेरिकी शिफ्ट हो गये थे. भारत की पहली महिला जज अन्ना चांडी त्रावणकोर थी. वह 1948 में जिला जज बनीं, तो वहीं 1959 में हाईकोर्ट की जज बनी.

कभी किया था ट्रंप का विरोध
गौरतलब है कि भारतीय मूल की निक्की हेली ने अमेरिका में ट्रेड और मजदूरों के लिए काफी हद तक काम किया है. संयुक्त राष्ट्र में एंबेसडर बनने से पहले वह अमेरिकी में गवर्नर भी रह चुकी हैं. अमेरिका में पिछले साल हुए के दौरान हेली ने डोनाल्ड ट्रंप का विरोध किया था. लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें ही संयुक्त राष्ट्र में एंबेसडर की जिम्मेदारी सौंपी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement