
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इन दिनों चुनाव का माहौल है. चुनावी माहौल में नेता बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं लेकिन इस बीच वहां भी भारत ही एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. इसके अलावा अबकी बार लोगों की तरफ से आतंकवाद और आईएसआई के एजेंडे के खिलाफ मोर्चा खोला गया है. रविवार को रावलपिंडी में कई लोगों ने आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान लोगों ने 'ये जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है' के नारे लगाए.
नारेबाजी करने वालों में अधिकतर नवाज़ शरीफ की PML(N) पार्टी समर्थक थे. नवाज़ समर्थकों ने यहां पाकिस्तान आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर नारेबाजी की. आपको बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को नेशनल और प्रांतीय असेंबली के लिए वोटिंग होनी है, उससे पहले सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार में जान फूंक दी है.
पाकिस्तान के 71 साल के इतिहास में शायद ये पहली बार है, जब दुनिया के बड़े से बड़े आतंकी खुलकर राजनीति कर रहे हैं. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद और उसके बड़े-बड़े आतंकी गुर्गे चुनावी मैदान में हैं. खुद हाफिज सईद निर्दलीय और उसके 250 आतंकी किराए की पार्टी पर सवार होकर इस्लामाबाद को फतह करने का पूरा सपना देख रहे हैं.
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत कई खूंखार आतंकी पाकिस्तान की संसद में पहुंचने को बेचैन हैं. इतना ही नहीं, आतंकी संगठन अपने-अपने दबदबे का फायदा उठाने के लिए राजनीतिक पार्टियों के साथ सौदाबाजी भी कर रहे हैं. आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने चुनाव में 152 आतंकियों को मैदान में उतारा है. इनका झुकाव भी हाफिज़ सईद की तरफ रहता है.
आतंकियों के चुनाव लड़ने से US और भारत भी चिंतित
पाकिस्तान में आतंकियों के चुनाव लड़ने को लेकर भारत और अमेरिका भी बेहद चिंतित हैं. अमेरिका ने लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े आतंकियों के चुनाव में उतरने को लेकर चिंता व्यक्त की है. अमेरिका ने अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत भी करा दिया है. साथ ही यूरोपीय संघ ने भी पाकिस्तान से आम चुनाव के लिए सुरक्षित और भयमुक्त स्थितियां बनाने को कहा है.