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लौटते ही JIT ने बदला रंग, कहा- पठानकोट में नहीं मिले आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत

'जिओ न्यूज' ने जेआईटी के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को सैन्य बेस में मुख्य द्वार के बजाए एक छोटे रास्ते से अंदर ले जाया गया और उनका दौरा सिर्फ 55 मिनट का था.

पठाकोट में पाकिस्तानी जेआईटी के सदस्य पठाकोट में पाकिस्तानी जेआईटी के सदस्य
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • इस्लामाबाद,
  • 02 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत आई पाकिस्तानी जेआईटी ने वतन लौटते ही एनआईए और भारत सरकार को तगड़ा झटका दिया है. एनआईए के दावों के उलट संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने शनिवार को कहा है कि भारतीय अधिकारी उन्हें वैसे सबूत मुहैया कराने में असफल रहे हैं, जो साबित कर सके कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयरबेस पर हमला किया था.

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पाकिस्तानी मीडिया में इस आशय की रिपोर्ट आई है. 'जिओ न्यूज' ने जेआईटी के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को सैन्य बेस में मुख्य द्वार के बजाए एक छोटे रास्ते से अंदर ले जाया गया और उनका दौरा सिर्फ 55 मिनट का था. सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि इतने समय में जेआईटी कोई सबूत नहीं जुटा सकी.

मुठभेड़ वाली जगहों का किया दौरा
गौरतलब है कि जेआईटी सदस्यों ने 29 मार्च को पठानकोट एयरबेस पर मुठभेड़ स्थल दौरा किया था. यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने उन्हें सूचनाएं दी और हमलावर जिस रास्ते से अंदर आए थे वह दिखाया. एनआईए के डीजी शरद कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेआईटी को जांच एजेंसी ने आतंकियों के डीएनए रिपोर्ट से लेकर फोन कॉल तक तमाम सबूत सौंप दिए हैं.

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'सिर्फ लापरवाही की सूचना दी गई'
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि हमले की पूर्व संध्या पर पठानकोट वायुसेना बेस के परिसर के 24 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में रोशनी प्रबंध में दिक्कत थी. हालांकि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी टीम को सिर्फ सीमा सुरक्षा बल और भारतीय बलों की लापरवाही की सूचना दी गई.

भारत के पांच दिन लंबे दौरे के बाद जेआईटी शुक्रवार को ही पाकिस्तान लौटी है. इस दौरान हमले से संबंधित साक्ष्य उनके साथ साझा किए गए, जिनमें चार आतंकवादियों के डीएनए रिपोर्ट, उनकी पहचान, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की संलिप्तता साबित करते वराले फोन कॉल रेकॉर्ड शामिल हैं. यही नहीं जेआईटी ने 16 लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं.

बता दें कि एक-दो जनवरी की दरमियानी रात पठानकोट वायुसेना बेस पर हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों को बेस सुरक्षित करने में 80 घंटे लगे थे. इस आतंकी हमले में सात जवान शहीद हुए, जबकि सुरक्षा बलों ने सभी चार आतंकवादियों को मार गिराया गया था.

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