Advertisement

PAK कोर्ट का 'सुप्रीम' फैसला, आजीवन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे नवाज शरीफ

शुक्रवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसले के मुताबिक संविधान की धारा 62(1)(एफ) के तहत अयोग्य करार दिए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति आजीवन चुनाव नहीं लड़ सकता है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
सुरभि गुप्ता
  • इस्लामाबाद,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

पनामा पेपर लीक मामले में प्रधानमंत्री पद और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अब आजीवन चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे.

शुक्रवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसले के मुताबिक संविधान की धारा 62(1)(एफ) के तहत अयोग्य करार दिए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति आजीवन चुनाव नहीं लड़ सकता है.

Advertisement

जस्टिस उमर अता बंदियाल के फैसला सुनाने के साथ ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ गया. शरीफ के अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता जहांगीर तरीन के साथ कई नेताओं की राजनीति खत्म होने की कगार पर आ गई है.

चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान साकिब निसार की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की पीठ ने 14 फरवरी को ही इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. चीफ जस्टिस साकिब निसार ने फैसला सुनाए जाने से पहले ऐलान किया था कि देश को अच्छे चरित्र वाले नेताओं की जरूरत है.

संविधान की धारा 62(1)(एफ) के उल्लंघन को लेकर अपने पद से बर्खास्त किए गए नेताओं की बर्खास्तगी सीमा से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान की कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि भविष्य में किसी भी सांसद या लोक सेवक को अगर अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्य ठहराया जाता है तो उन पर यह प्रतिबंध स्थाई होगा. ऐसे व्यक्ति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे और ना ही संसद के सदस्य बन सकेंगे.

गौरतलब है कि अनुच्छेद 62 के तहत ही 68 वर्षीय शरीफ को 28 जुलाई, 2017 को पनामा पेपर्स मामले में पीएम पद के लिए अयोग्य ठहराया गया था. इसके बाद उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ ने पिछले साल 15 दिसंबर को इसी प्रावधान के तहत पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के नेता जहांगीर तरीन को अयोग्य ठहराया था.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement