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PAK-चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरे PoK के लोग

इस प्रदर्शन में सिर्फ गिलगित के लोग ही नहीं, बल्कि पेशावर के लोग भी शामिल हुए. इन लोगों ने पाकिस्तान सरकार से मांग की कि वह चीन की जेलों में बंद उनके परिजनों को रिहा कराने के लिए कदम उठाए.

गिलगित में विरोध प्रदर्शन करते लोग गिलगित में विरोध प्रदर्शन करते लोग
राम कृष्ण
  • ,
  • 11 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोग एक बार फिर से पाकिस्तान और चीन के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. चीन की जेलों में एक दशक से ज्यादा समय से सड़ रहे अपने परिजनों की रिहाई की मांग को लेकर PoK के गिलगित शहर में लोगों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया.

इस प्रदर्शन में सिर्फ गिलगित के लोग ही नहीं, बल्कि पेशावर के लोग भी शामिल हुए. इन लोगों ने पाकिस्तान सरकार से मांग की कि वह चीन की जेलों में बंद उनके परिजनों को रिहा कराने के लिए कदम उठाए. चीन की जेलों में ड्रग तस्करी और अन्य मामूली अपराधों के आरोप में 300 से ज्यादा पाकिस्तानी एक दशक से ज्यादा समय से बंद हैं. इसमें से कुछ नाबालिग भी हैं.

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चीन इनको रिहा करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. इनके मानवाधिकारों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस मामले में पाकिस्तान सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर प्रदर्शनकाकारियों ने गंभीर चिंता जाहिर की. मालूम हो कि पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर पीओके में अत्याचार कर रहा है. दोनों देश पीओके के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भी कर रहे हैं. हाल के दिनों में पीओके में पाकिस्तान सरकार और चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हुए हैं.

गिलगित-बाल्टिस्तान के मुनवर खान का कहना है कि हमारे लोग चीन की जेलों में कई सालों से बंद हैं. उनकी सहायता की जानी चाहिए. हमारे साथ चीन क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर रहा है. वहां की जेलों में बंद लोग बदतर जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन लोगों को चीन ने जेलों में 10 साल से ज्यादा समय से बंद कर रखा है.

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खान ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि वो हमारे परिजनों को चीन से लाने में मदद करें. इतना ही नहीं, प्रदर्शन करने वाले लोगों में वे भी शामिल हैं, जो चीन की जेलों में एक दशक का समय गुजार चुके हैं. इन्होंने चीन की जेलों में बंद कैदियों के साथ होने वाले बर्ताव की दर्दनाक हकीकत बयां की.

'चीन-पाकिस्तान की दोस्ती पर आती है शर्म'

चीन की जेल में रह चुके नाजिर अहमद ने कहा, ''मैंने चीन की जेल में 10 साल दो महीने का समय गुजारा. मैं पाकिस्तान सरकार से अपील करता हूं कि वो चीन की जेलों में बंद यहां के लोगों को वापस लाए.'' उन्होंने कहा कि चीन की प्रताड़ना झेलने से बेहतर है कि हम पाकिस्तान की जेल में मर जाएं. उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती पर शर्म आती है. चीन की पाकिस्तान से दोस्ती सिर्फ दिखावा है. यह हकीकत कोई नहीं जानता है.

इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति रजा खान ने कहा, ''मैंने बीजिंग की जेल में नौ साल दो महीने का वक्त गुजारा. यह बिल्कुल नर्क की तरह था. लिहाजा हम निर्दोष लोगों को चीन की जेल से रिहा कराने की अपील सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि चीन सरकार किसी की सुनती ही नहीं है. लोग शांति से सांस तक नहीं ले सकते हैं. लोग समस्या से जूझ रहे हैं और वापस आना चाहते हैं.

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