
नवाज शरीफ की कुर्सी जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने आजतक से विशेष बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में नवाज शरीफ के खिलाफ एक अच्छा फैसला सुनाया है. वह इसी लायक थे. वह तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और तीनों बार देश का बेड़ा गर्क किया. इस दौरान उन्होंने न्यायिक तख्तापलट की बात को सिरे से खारिज कर दिया.
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पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ ने दुबई से कहा कि न्यायपालिका ने देश के हक में अपनी जिम्मेदारी पूरी की है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ न्यायपालिका के जरिए तख्तापलट नहीं हुआ है. शरीफ के खिलाफ जेआईटी ने दो महीने तक जांच की और फिर इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दी. मामले के पूरे ट्रायल के बाद उनको प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त किया गया.
मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका ने संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत शरीफ को अयोग्य ठहराया है. नवाज शरीफ ने जेआईटी, नेशनल एसेंबली और सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला. उन्होंने कहा कि हम न तो लश्कर-ए-तैय्यबा को आतंकी संगठन मानते हैं और न ही सैय्यद सलाहुद्दीन को आतंकी. सलाहुद्दीन एक मुजाहिद्दीन है.
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अमेरिका की ओर से सलाहुद्दीन को आतंकी घोषित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ में कूटनीतिक काबिलियत नहीं है. अमेरिका कोई अल्ला-ताला नहीं है. अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप को यह बात समझानी पड़ेगी कि लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन नहीं है. हम उनको जाकर समझाएंगे. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ फैसले से क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को फायदा होगा.
जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या नवाज शरीफ के पीएम पद से हटने के बाद उनके पाकिस्तान वापस लौटने का रास्ता साफ हो गया है, तो उन्होंने कहा, 'मैं राजनीतिक माहौल सुधरने पर अपने वतन पाकिस्तान वापस आऊंगा. सुप्रीम कोर्ट और नवाज शरीफ सरकार ने खुद मुझे बाहर जाने की इजाजत दी थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वहां की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा.