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भारत की विदेश नीति में बड़े बदलाव का साल साबित हुआ 2017

भारत की विदेश नीति में इस साल आमूलचूल बदलाव देखने को मिला. जहां एक ओर भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई, तो दूसरी ओर फिलिस्तीन से इतर इजरायल से नजदीकियां बढ़ाई.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी (फाइल फोटो) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी (फाइल फोटो)
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

भारत के लिए कूटनीतिक लिहाज से साल 2017 बेहद अहम रहा है. इस साल भारत की विदेश नीति में आमूलचूल बदलाव देखने को मिला. जहां एक ओर भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई, तो दूसरी ओर फिलिस्तीन की बजाय इजरायल से नजदीकियां बढ़ाई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इजरायल के दौरे पर गए. इस पर सिर्फ फिलिस्तीन की ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान और चीन समेत दुनिया के कई दिग्गज देशों की निगाहें गड़ी रहीं. पीएम मोदी के इजरायल दौरे के समय पाकिस्तानी मीडिया काफी बेचैन दिखी और यहां तक कह दिया कि भारत और इजरायल मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. 

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सबसे अहम बात यह है कि इजरायल का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.  भारत लंबे समय से इजरायल के खिलाफ फिलिस्तान की आजादी का समर्थन करता रहा है, लेकिन इस साल उसका रुख बदला हुआ नजर आया. हालांकि इससे पहले साल 1992 में भी इजरायल के प्रति भारत का झुकाव देखने को मिला था.

इस साल भारत अपने पहले के रुख से इतर इजरायल के करीब आया और रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, कृषि तकनीक समेत कई क्षेत्रों पर समझौते हुए.

इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ भी भारत की नई रणनीति काफी हद तक कामयाब रही. इसके चलते आतंकवाद के मसले पर अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत का न सिर्फ खुलकर समर्थन किया, बल्कि पाकिस्तानी सरकार को जमकर लताड़ भी लगाई.

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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर भारत के साथ अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया, जिसके चलते उसकी नजरबंदी हुई. साथ ही अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आखिरी वार्निंग भी दी. इससे अहम यह है कि इस साल भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समेत कई समझौते भी हुए.

इसके अतिरिक्त भारत ने म्यांमार से रिश्ते मजबूत करने की ओर भी कदम बढ़ाया, जिससे चीन की बेचैनी बढ़ गई. दरअसल, चीन म्यांमार में सबसे ज्यादा निवेश करने वाला देश है. ऐसे में भारत का म्यांमार के करीब आना चीन के लिए चिंता का विषय है.

पीएम मोदी ने किए ताबड़तोड़ विदेशी दौरे

पीएम मोदी ने दूसरे देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए इस साल ताबड़तोड़ विदेशी दौरे किए. उन्होंने अमेरिका (25-26 जून), इजरायल (4-6 जुलाई 2017) , जर्मनी (6-8 जुलाई), पुर्तगाल (24 जून), नीदरलैंड (27 जून), कजाखस्तान (8-9 जून), फ्रांस (2-3 जून), रूस (31 मई-2 जून), स्पेन (30-31 मई), फिलीपींस (12-14 नवंबर), म्यांमार (5-7 सितंबर), चीन (3 सितंबर) और श्रीलंका (11-12 मई) का दौरा किया. इस साल पीएम मोदी 14 बार विदेश दौरे पर गए.

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