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जाते-जाते भी भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आए राहिल शरीफ

जनरल राहील ने कहा कि बाहरी खतरों और आंतरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी है कि पाकिस्तान के सभी संस्थान मिलकर काम करें. इसके लिए नेशनल एक्शन प्लान को उसकी मूल भावना के अनुसार लागू किए जाने की जरूरत है. राहील ने कहा कि खतरे बाहरी हों या अंदरूनी, पाकिस्तानी सेना हर स्थिति में चौकस है.

जनरल राहील शरीफ जनरल राहील शरीफ
खुशदीप सहगल/BHASHA
  • रावलपिंडी,
  • 29 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

जनरल राहील शरीफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख के नाते अपने आखिरी भाषण में भी भारत के खिलाफ विषगमन से बाज नहीं आए. जनरल राहील ने 'कश्मीर पर आक्रामक रुख' अपनाने को लेकर भारत को चेताया. साथ ही कहा कि पाकिस्तान की संयम की नीति को अगर किसी ने कमजोरी समझने की भूल की तो ये 'खतरनाक' होगा. राहील ने मंगलवार को रावलपिंडी के जनरल हेडक्वाटर्स के आर्मी हॉकी स्टेडियम में आयोजित समारोह में सेना प्रमुख का चार्ज 57 वर्षीय जनरल कमर जावेद बाजवा को सौंपा.

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60 वर्षीय राहील ने इस मौके पर कहा कि कश्मीर में 'भारत का बढ़ता आक्रामक रवैया' क्षेत्र को खतरे में डाल रहा है. भारत को जान लेना चाहिए कि हमारी संयम की नीति को कमजोरी समझना खतरनाक होगा. यही असलियत है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान निकले बिना दक्षिण एशिया में चिर शांति और प्रगति असंभव है. इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

जनरल राहील ने कहा कि बाहरी खतरों और आंतरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी है कि पाकिस्तान के सभी संस्थान मिलकर काम करें. इसके लिए नेशनल एक्शन प्लान को उसकी मूल भावना के अनुसार लागू किए जाने की जरूरत है. राहील ने कहा कि खतरे बाहरी हों या अंदरूनी, पाकिस्तानी सेना हर स्थिति में चौकस है.

जनरल शरीफ ने चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को क्षेत्रीय शांति सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कारक बताया. राहील ने कहा कि ग्वादर पोर्ट से पहले कॉर्गो का प्रस्थान करने से ये तय हो गया है कि इस सफर को अब रोका नहीं जा सकता.

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