
रूस और यूक्रेन के बीच करीब दो महीने से युद्ध जारी है. बीच-बीच में बातचीत का दौर भी रहा लेकिन जमीन पर स्थिति ज्यादा नहीं बदली. बातचीत जरूर बेअसर रही है लेकिन दोनों देशों के बीच में कुछ समझौते हुए हैं. इसी कड़ी में अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ऐलान कर दिया है कि वे रूसी कैदियों को रिहा करने जा रहे हैं. इसके बदले में रूस द्वारा मारियूपोल में यूक्रेनी नागरिकों और सैनिकों का सुरक्षित रेस्क्यू होने देगा.
इससे पहले भी रूस और यूक्रेन के बीच में ऐसे समझौते हुए हैं जहां पर दोनों ही देशों ने 'सेफ कॉरिडोर' को लेकर सहमति जताई है. अब एक बार फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ये बड़ा कदम उठाया है.
वैसे ये फैसला इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि मारियूपोल इलाके में रूसी सेना द्वारा बड़े स्तर पर तबाही मचाई गई है. ये वही इलाका है जहां पर रूसी सेना को खासा सफलता भी मिली है. ऐसे में यहां से यूक्रेनी नागरिकों का रेस्क्यू बड़ी चुनौती साबित हो रहा था. अब उसी चुनौती को कम करने के लिए यूक्रेन, रूस के कैदियों को रिहा कर देगा.
वर्तमान स्थिति की बात करें तो अभी युद्ध का केंद्र कीव ना होकर डोनबास हो गया है. ये वही इलाका है जहां पर रूसी सेना अब ताबड़तोड़ हमले कर रही है. लगातार सैन्य कार्रवाई देखने को मिल रही है. पूरी कोशिश है कि इस इलाके पर अपना कब्जा जमा लिया जाए. लेकिन जमीन पर स्थिति इसके उलट दिखाई दे रही है.
यूक्रेन ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटे में रूस द्वारा 10 बार डोनबास इलाके पर हमला करने की कोशिश की गई है, लेकिन हर बार वो फेल रही. इसी तरह मारियूपोल को लेकर भी यूक्रेन दावा कर रहा है कि उसने कुछ इलाकों में रूसी सेना को पीछे खदेड़ दिया है.
अब इन दावों के साथ दोनों देशों की तरफ से चेतावनियां भी लगातार दी जा रही हैं. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि सेना की तरफ से Sarmat बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. इस खास मौके पर उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब दुश्मन उनके देश पर हमला करने से पहले दो बार जरूर सोचेगा. वैसे अमेरिका की तरफ से इस परीक्षण पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. सिर्फ इतना कहा गया है कि उनको इस परीक्षण की पहले से जानकारी थी और रूस द्वारा सिर्फ रुटीन टेस्टिंग की गई है.