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सोलर इम्पल्स ने बिना ईंधन के 40 हजार किमी का सफर तय किया, रचा इतिहास

बिना ईंधन के पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वाले विमान सोलर इम्पल्स ने अपनी यात्रा के आखि‍री चरण में 23 जुलाई को काहिरा से उड़ान भरी थी. इसका मकसद दुनिया को यह दि‍खाना है कि बिना उत्सर्जन भी मुमकिन है. जानिए, इस विमान और इसके सफर से जुड़ी 10 बड़ी बातें

सोलर इम्पल्स सोलर इम्पल्स
सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

बिना ईंधन के पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वाले विमान 'सोलर इम्पल्स' ने इतिहास रच दिया है. पूरी तरह सोलर एनर्जी से उड़ने वाले इस विमान ने 40 हजार किलोमीटर का सफर तय किया. 9 मार्च 2015 को अबु धाबी से उड़ाने भरने के बाद अपनी यात्रा के आखि‍री चरण में यह विमान मंगलवार को अबु धाबी पहुंचा. सोलर इम्पल्स ने अपनी यात्रा के आखि‍री चरण में 23 जुलाई को काहिरा से उड़ान भरी थी. इसका मकसद दुनिया को यह दि‍खाना है कि बिना उत्सर्जन भी हवाई सफर मुमकिन है. जानिए, इस विमान और इसके सफर से जुड़ी 10 बड़ी बातें-

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1. यह प्लेन इसके पायलट स्विटजरलैंड मूल के बर्ट्रेंड पिकार्ड और एंड्रे बोर्शबर्ग के दिमाग की उपज है. यह प्रोजेक्ट इन दोनों के 12 साल के रिसर्च का नतीजा है.

2. यह विमान कुल 505 घंटे (23 दिनों से ज्यादा समय तक) आसमान में रहा. मौसम की तमाम मुसीबतों को झेलते हुए यह यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के तमाम एयरपोर्ट्स पर रुका और यात्रा 17 चरणों में पूरी हुई.

3. यह एक हल्का विमान है जिसका वजन एक SUV के बराबर (करीब 2300 किलोग्राम) है लेकिन इसकी चौड़ाई बोइंग 747 विमान से भी ज्यादा (72 मीटर यानी 236 फीट) है.

4. विमान की औसत स्पीड 75 किमी प्रतिघंटे जबकि अधिकतम स्पीड 216 किमी प्रतिघंटे रही. यह अधिकतम 8500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ा.

5. स्विस तकनीक पर आधारित यह विमान 80 फीसदी कार्बन फाइबर से बना है और इसमें 17 हजार सोलर सेल लगे हैं. इस विमान में एक ही सीट है लेकिन दोनों पायलट बारी-बारी से प्लेन उड़ाते रहे.

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6. ये पायलट वैक्युम पैक्ड खाने का सामान अपने पास रखते थे ताकि सफर के दौरान भूख मिटाई जा सके. जब ये उड़ान पर होते थे तो इनके पास करीब ढाई किलो खाने का सामान, ढाई लीटर पानी और एक लीटर स्पोर्ट्स ड्रिंक होता था.

7. इसके कॉकपिट का साइज एक पब्लिक टेलीफोन बॉक्स के बराबर है जिसमें पायलट ऊंचाई पर जाने पर ऑक्सीजन के मास्क का इस्तेमाल करते है और एक वक्त में पायलट को मजब 20 मिनट तक ही सोने की इजाजत है.

8. इस विमान की सबसे लंबी यात्रा जापान से हवाई के की बीच रही. इसके पायलटों ने नागोया से होनोलुलू का सफर 4 दिन, 21 घंटे और 51 मिनट में तय किया.

9. इस सफर के दौरान सबसे मुश्किल पल काहिरा से अबु धाबी की उड़ान के दौरान आया जब पिकार्ड दिन के दौरान 29 हजार फीट की ऊंचाई तक ले गए और रात के समय जब विमान के सोलर सेल चार्ज नहीं हो रहे थे तो इसे 5000 फीट तक उतारना पड़ा.

10. इस प्लेन ने बिना ईंधन के अटलांटिक पार करने वाले पहले विमान होने का रिकॉर्ड भी बनाया है जब यह न्यूयॉर्क के जेएफके एयरपोर्ट से उड़ान भर स्पेन के सेविले पहुंचा.

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