Advertisement

लश्कर-ए-तैयबा का अब्दुल रहमान वैश्विक आतंकी घोषित, भारत पर करवाए थे हमले

अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रहमान अल दाखिल को वैश्विक आतंकियों की सूची में डाल दिया है. इस पर 1997 से 2001 के बीच भारत में आतंकी हमले करवाने का आरोप है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
भारत सिंह
  • वॉशिंगटन,
  • 31 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रहमान अल-दाखिल को वैश्विक आतंकी घोषित किया है. अमेरिका की ओर से यह कदम मंगलवार को उठाया गया. अब्दुल रहमान अभी तक जम्मू क्षेत्र में आतंकी संगठन का कमांडर था.

अब्दुल रहमान लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है. वह 1997 से 2001 के बीच भारत में लश्कर-ए-तैयबा के हमलों का मुख्य संचालक रहा है. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अमेरिका की विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में शामिल है.

Advertisement

आपको बता दें कि ब्रिटिश सुरक्षा बलों ने 2004 में इराक में दाखिल को पकड़ा था. इसके बाद उसे इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी हिरासत में रखा गया और 2014 में पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया.

पाकिस्तान में हिरासत से रिहा होने के बाद दाखिल फिर से लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने लगा. वह 2016 में जम्मू क्षेत्र के लिए लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था. 2018 की शुरुआत तक वह इस आतंकी संगठन में सीनियर कमांडर बना हुआ था.

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि दाखिल को विशेष वैश्विक आतंकी करार देने का मकसद उसे आतंकी हमलों की योजना बनाने और उनको अंजाम देने से रोकना है.

2016 के अंत तक हसन ने फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन  के लिए काम कर रहा था. यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. यह मुख्यतौर पर लश्कर के लिए चंदा लेने का काम करता था.

Advertisement

2016 के शुरुआती दिनों में वह अपने भाई मुहम्मद इजाज सरफराश और खालिद वालिद के साथ लश्कर के लिए फंड जुटाने का काम कर रहा था. सरफराश और खालिद को लश्कर-ए-तैयबा पहले ही वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है.

सरफराश को मार्च 2016 में और वालिद को सितंबर 2012 में वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement