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PAK अखबार ने सरकार और सेना को घेरा, पूछा- हाफिद और मसूद के खिलाफ क्यों नहीं करते कार्रवाई?

पाकिस्तान के एक अखबार ने वहां की सेना और सरकार से पूछा है कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर और जमात-उत-दावा के हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. क्यों इनके खिलाफ कोई कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है.

पाकिस्तान पाकिस्तान
सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

पाकिस्तान के एक अखबार ने अपनी सेना और सरकार से पूछा है कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर और जमात-उत-दावा के हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. क्यों इनके खिलाफ कोई कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है.

अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार पाक के अखबार 'द नेशन ' के संपादकीय में लिखा गया है कि हाफिज और अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह सेना और सरकार प्रेस को लेक्चर दे रही है. इतना ही नहीं ये भी लिखा गया है कि वह बहुत ही खराब दिन था जब सेना और सरकार के उच्चस्तरीय लोग प्रेस को उनका काम करने के तरीके पर लेक्चर देने के लिए मिले थे.

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संपादकीय में लिखा गया है कि सिरिल अलमेडा की रिपोर्ट को बनावटी और काल्पनिक बताया है लेकिन सेना और सरकार के उच्च स्तरीय लोगों ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि क्यों नेशनल एसेम्बली के सदस्य बैन पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसा क्यों है कि हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ होने वाली कोई कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. या फिर पाकिस्तान क्यों अलग-थलग पड़ता जा रहा है.

इतना ही नहीं अखबार में पूछा गया है कि सरकार और सेना की यह हिम्मत कैसे हो गई कि वो मीडिया को यह बताएं कि वे अपना काम कैसे करें. उनकी यह हिम्मत कैसे हो गई कि सम्मानित पत्रकार के साथ अपराधी जैसा सुलूक हो और उन्हें यह तय करने का अधिकार या योग्यता कैसे मिल गई कि देश का राष्ट्रीय हित क्या है. संपादकीय में लिखा गया है कि अलमेडा के साथ प्रेस है. हम सभी एकजुट हैं.

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