प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार का केंद्रीय बजट (Budget 2025) कल पेश होगा और इससे पहले आज देश का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) आएगा, जो भारत की फाइनेंशियल हेल्थ का पूरा लेखा-जोखा पेश करने वाला होगा. ये बेहद जरूरी डॉक्युमेंट होता है, जिसे बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद के पटल पर रखा जाता है. इसके साथ ही बजट सत्र (Budget Season) की शुरुआत भी हो जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कल 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करने से पहले आज आर्थिक सर्वे पेश करेंगी.
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
इकोनॉमिक सर्वे एक फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट होता है. आर्थिक सर्वेक्षण के 3 पार्ट होते हैं. पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से जुड़ी अहम बातें शामिल होती हैं. इसमें अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की संभावनाओं, चुनौतियों और इसे रफ्तार देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी शामिल होती है. तो वहीं दूसरे हिस्से में अलग-अलग क्षेत्रों का प्रदर्शन और उससे जुड़े आंकड़े होते हैं. जबकि तीसरे हिस्से में रोजगार, महंगाई, आयात-निर्यात, बेरोजगारी और उत्पादन जैसी दूसरी अहम जानकारियां होती हैं.
1 दिन पहले आर्थिक सर्वे की परंपरा
देश में पहला आर्थिक सर्वे 1950-51 में पेश हुआ था. 1964 से इसे बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत करने की परंपरा शुरू हुई. इससे जनता को न केवल अर्थव्यवस्था की सही स्थिति का पता चल जाता है बल्कि कई चुनौतियों के बारे में सरकार बताती है और उन्हें दूर करने के बारे में भी सर्वे में उल्लेख मिलता है.
E-Survey निवेशकों की नजर
सर्वे से आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी के आंकड़े तो मिलते ही हैं निवेश, बचत और खर्च करने का आइडिया मिल जाता है. मान लीजिए कि सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर है, तो यह सेक्टर निवेशकों को लुभा सकता है. यानि इससे सेक्टर वाइज संभावनाओं का अंदाजा लगता है. सर्वे न केवल सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी देता है, बल्कि आर्थिक सर्वे सरकार की नीतियों बल्कि भविष्य के आर्थिक दृष्टिकोण को भी बताता है यही वजह है कि इसे बजट से पहले पेश करने की परंपरा बनी हुई है.
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे?
Economic Survey रिलीज करने से पहले वित्त मंत्री (Finance Minister) की मंजूरी लेनी होती है फिर आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है. फिर इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार चालू वित्त वर्ष का ब्यौरा पेश करते हैं. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों की इकोनॉमिक्स डिविजन इकोनॉमिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार करती है.