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एक घर, 6 कत्ल और खुदकुशी का दावा.... छठी मौत ने उलझा दी पुलिस की पूरी थ्योरी, जानें सीतापुर कांड की Inside Story

24 घंटे गुजरते-गुजरते इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. और इस रिपोर्ट ने पूरी कहानी पलट दी. जिस शख्स ने अपने पूरे परिवार की हत्या कर खुद को गोली मार कर खुदकुशी की थी. उसने अपने सिर पर एक नहीं बल्कि दो-दो गोलियां लगी थी. और तो और उसके सिर पर हथौड़े के चोट के निशान भी थे. लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है?

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एक कातिल की वजह से ये पूरा परिवार अब इस दुनिया में नहीं है.
एक कातिल की वजह से ये पूरा परिवार अब इस दुनिया में नहीं है.

Six murders in Sitapur: एक घर में 6 कत्ल होते हैं. पुलिस मौका-ए-वारदात पर आती है. और छानबीन के बाद कहती है कि इनमें से पांच कत्ल हुआ है, जबकि छठें शख्स ने पांच लोगों का कत्ल करने के बाद खुदकुशी कर ली. इसके बाद लगा कि यह मामला सुलझ गया है. लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है, तो खुलासा होता है कि उस छठें शख्स ने अपने सिर में दो गोली मारी थी और उससे पहले हथौड़े से खुद के सिर पर वार भी किया था. इस तरह ये पूरा मामला उलझ जाता है. चलिए आपको बताते हैं 6 लोगों के सामूहिक हत्याकांड की खौफनाक कहानी.

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11 मई 2024, पाल्हापुर, सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर का एक छोटा सा गांव है पाल्हापुर. शनिवार यानी 11 मई को इस गांव के एक ही परिवार में एक साथ-साथ छह-छह लोगों की मौत हो गई. घर के बेटे और बहू की, उनके तीन छोटे-छोटे बच्चों की और बुजुर्ग मां की. रिश्तेदारों से लेकर पुलिस तक ने ये मान लिया कि ये मामला पांच लोगों के क़त्ल के बाद हुई खुदकुशी का है. जिसे किसी और ने नहीं बल्कि खुद घर के बेटे ने ही अंजाम दिया है. वजह बताई गई कि बेटा दिमाग़ी तौर पर परेशान था. 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने ही पलटी कहानी
लेकिन 24 घंटे गुजरते-गुजरते इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. और इस रिपोर्ट ने पूरी कहानी पलट दी. जिस शख्स ने अपने पूरे परिवार की हत्या कर खुद को गोली मार कर खुदकुशी की थी. उसने अपने सिर पर एक नहीं बल्कि दो-दो गोलियां लगी थी. और तो और उसके सिर पर हथौड़े के चोट के निशान भी थे. लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है? क्या ऐसा मुमकिन है कि कोई अपने सिर पर एक एक कर दो गोलियां मार कर अपनी जान दे दे? सीतापुर के पाल्हापुर गांव में हुई छह-छह मौतों की पहेली कुछ ऐसी है. इस पहेली का सच जानने के लिए अब आइए आपको सिलसिलेवार तरीके से इस भयानक वारदात की पूरी कहानी सुनाते हैं.

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टूटे हुए थे बच्चों के हाथ पांव
11 मई की सुबह जैसे ही गांव वालों की आंखें खुली पाल्हापुर के इस मकान का मंज़र देख कर सबकी सांसें हलक में अटक गई. घर के सामने खुली जगह पर तीन छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर पड़े बुरी तरह तड़प रहे थे. चीख़ रहे थे. इनमें 12 साल की एक बच्ची आरना, 8 साल का उसका छोटा भाई आद्विक और 7 साल का उसकी छोटी बहन अरवी शामिल थी. खून से लथपथ इन बच्चों को पहली नजर में देख कर तो किसी को समझ में ही नहीं आया कि आखिर इन्हें हुआ क्या है? तीनों ही बच्चों के हाथ-पांव टूटे हुए थे. कुछ लोगों ने इन बच्चों को संभाला और कुछ हिम्मत जुटा कर घर के अंदर गए. लेकिन अंदर की हालत तो और भी खराब थी. लोगों ने देखा कि घर के अंदर वहीं रहने वाले बाकी के तीन लोगों की लाशें पड़ी थीं. एक घर के बड़े बेटे अनुराग सिंह की, दूसरी उसकी बीवी प्रियंका की और तीसरी अनुराग की 65 साल की बुजुर्ग मां सावित्री की.

एक-एक कर पूरे परिवार का खात्मा
लेकिन आखिर 10 और 11 मई की दरम्यानी रात को इस घर में ऐसा क्या हुआ कि कातिलों ने एक-एक कर तकरीबन पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया? यहां तक कि बच्चों को भी नहीं छोड़ा? फिलहाल यही सबसे बड़ा और अहम सवाल था. खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मौके पर ही पुलिस को अनुराग सिंह का छोटा भाई अजीत सिंह भी मिला, जो अनुराग के घर से थोड़ी ही दूर एक दूसरे मकान में रहता है. अजीत की मानें तो उसे इस वारदात कोई जानकारी नहीं थी, उसे तो बस इतना पता था कि वारदात वाली रात अनुराग की अपनी पत्नी प्रियंका से काफी तेज़ लड़ाई चल रही थी. लेकिन तीन-तीन बच्चों समेत कुल छह लोगों की मौत के इस मामले का सच क्या था, ये एक बड़ा रहस्य बन चुका था.

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अनुराग पर लगाया कत्ल और खुदकुशी का आरोप
पुलिस ने अजीत सिंह के साथ-साथ गांव वालों से भी पूछताछ की. और शुरुआती तफ्तीश के बाद इस नतीजे पर पहुंची कि दिमागी तौर पर परेशान रहने वाले अनुराग सिंह ने ही अपनी मां, बीवी और तीन-तीन बच्चों की हत्या करने के बाद अपने सिर पर गोली मार खुदकुशी कर ली. बताया कि अनुराग नशे का भी आदी था और नशेबाज़ी, डिप्रेशन और घरेलु कलह जैसी वजहों के चलते उसी ने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया और आखिरकार खुदकुशी करके जान दे दी. शुरुआती छानबीन में अनुराग सिंह और उसकी बीवी प्रियंका के सिर में गोली लगने के निशान मिले, जबकि बुजुर्ग सावित्री देवी समेत बच्चों को हथौड़े से मारा गया था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
लेकिन इस वारदात के ठीक एक दिन बाद जैसे ही इसमें मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, गांव वालों के साथ-साथ खुद पुलिस भी सकते में आ गई. क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि अनुराग के सिर पर दो गोली मारे जाने के निशान मिले हैं. इनमें एक गोली जहां दायीं कटपटी से घुस कर बांयी गाल से बाहर निकल गई, वहीं दूसरी गोली बांयी कनपटी से अंदर गई और अंदर ही फंस कर रह गई. इतना ही नहीं उसके सिर पर हथौड़े जैसी किसी भारी चीज़ से हमला किए जाने के भी निशान मिले. ऐसे में सवाल यही था कि आखिर कोई आदमी अपने सिर पर एक से ज्यादा गोली मार कर या फिर गोली के साथ-साथ अपने सिर पर हथौड़ा मार कर आख़िर जान कैसे दे सकता है? यकीनन ये मामला मर्डर कम सुसाइड का नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ मर्डर का था, जिसे किसी और ने अंजाम दिया था.

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आधी रात में मौत का नंगा नाच
जाहिर है पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने के बाद ये मामला पूरी तरह से पलट चुका था. जिस मामले को अब तक लोग पांच हत्या और एक खुदकुशी का मामला मान कर चल रहे थे, वो मामला अब छह-छह क़त्ल के भयानक और रौंगटे खड़े कर देने वाली कहानी के तौर सामने आ चुका था. एक ऐसी कहानी, जिसमें क़त्ल के लिए क़ातिल ने सिर्फ तमंचे यानी बंदूक का ही इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि हथौड़े को भी हथियार बना लिया और तो और 12, 7 और 8 साल के तीनों बच्चों को तो दो मंजिले मकान के छत से नीचे जमीन पर फेंक दिया गया. लेकिन सवाल यही था कि एक मकान में आधी रात मौत का नंगा नाच चलता रहा और किसी को कानों-कान इस वारदात की खबर कैसे नहीं मिली?

आखिर क्या थी 6 कत्ल की वजह?
मौके पर पहुंचे लोगों की मानें तो उन्होंने जब जमीन पर पड़े तीन बच्चों को देखा तो फौरन उन्हें उठा कर अस्पताल ले गए. इनमें अस्पताल लाए जाने तक एक बच्चे की सांसें चल रही थी, लेकिन बाद में उसने भी दम तोड़ दिया. उधर घर के अंदर पहली मंजिल पर बने कमरे में उन्हें अनुराग की लाश मिली, जिसे गोली और हथौड़े से मारा गया था, जबकि पहली मंजिल के ही बरामदे पर अनुराग की बीवी प्रियंका की लाश पड़ी थी और अनुराग की बुजुर्ग मां को उनके कमरे में ही मारा गया था. अब चूंकि ये कोई 'मर्डर फॉर गेन' यानी लूटपाट या डकैती का मामला नहीं था, तो सबसे बड़ा सवाल तो यही था कि आखिर छह-छह क़त्ल की इस भयानक वारदात के पीछे की वजह क्या हो सकती है? 

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अनुराग के साले अंकित ने खोला 6 कत्ल का राज
तो इसका जवाब लखनऊ में रहने वाले अनुराग के साले अंकित ने दिया. अंकित की मानें तो पुश्तैनी जायदाद की लालच में अनुराग के छोटे भाई अजीत ने ही ये सारी हत्याएं कीं. अंकित ने इस सिलसिले में पुलिस में लिखित तहरीर देकर अपने बहनोई के भाई अजीत पर क़त्ल का इल्जाम लगाया है और कहा है कि इस वारदात में उसके अलावा और भी लोग शामिल हो सकते हैं, क्योंकि एक आदमी का एक साथ-साथ छह छह लोगों की हत्या करना मुश्किल लगता है. अंकित ने बताया है कि अनुराग का अपने भाई अजीत से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था और उसी ने प्रॉपर्टी हथियाने के लिए सबको मार डाला. 

बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए चाचा ने नहीं दी गाड़ी
वारदात के बाद जब गांव वालों ने बच्चों को घर के सामने जमीन पर पड़ा हुआ देखा, तो उन्होंने बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए अजीत से उसकी गाड़ी की चाबी मांगी, लेकिन अजीत ने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई और गाड़ी देने से मना कर दिया, ताकि बच्चों की भी मौत हो जाए. और आखिरकार छत से नीचे फेंके गए दोनों बच्चे भी मारे गए. अंकित ने इसी के साथ सीतापुर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए. उसने पूछा कि बगैर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के या बगैर पूरी सच्चाई जाने आखिर सीतापुर पुलिस जल्दबाजी में इस नतीजे पर कैसे पहुंच गई कि अनुराग सिंह ने ही अपने पूरे परिवार की हत्या करके खुदकुशी कर ली? जबकि अनुराग के सिर पर दो गोलियों के निशान मिले हैं.

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किसी को जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था कातिल
अब बात फॉरेंसिक इनवेस्टिगेशन के नज़रिए से अब तक सामने आई सच्चाई की. अनुराग सिंह के सिर से पुलिस को दो गोलियों के निशान मिले हैं, जबकि एक गोली के सिर के अंदर मिली है, दोनों ही गोलियां .315 बोर की तमंचे की है. और सिर में जहां गोलियों के एंट्री वुंड यानी गोलियों के पैवस्त होने के निशान हैं, वहां ब्लैकेनिंग यानी काले दाग हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि अनुराग सिंह को नजदीक से गोली मारी गई है. अनुराग सिंह के सिर पर हथौड़े जैसी भारी चीज से हमला किए जाने के निशान भी मिले हैं, जिससे ये पता चलता है कि क़ातिल अनुराग सिंह को किसी भी हाल में जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था. 

गोली मारी, हथौड़े से वार और बच्चों को छत से फेंका 
इसी तरह उसकी पत्नी प्रियंका को एक गोली मारने के साथ-साथ उसके चेहरे को कुचला गया था, जबकि बुजुर्ग सावित्री के सिर पर भी तेज हमले के निशान मिले हैं. जबकि बड़ों की तरह कातिल बच्चों को भी हर हाल में मारना चाहता था, इसलिए उसने एक बच्ची को जहां गोली मारी और छत से भी फेंका, जबकि बाकी दो को छत से नीचे फेंक दिया.

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सीन ऑफ क्राइम को फेब्रिकेट करने की कोशिश
मौका-ए-वारदात पर पुलिस को प्रियंका के हाथ के पास ही हथौड़ा पड़ा मिला. जबकि क़त्ल में इस्तेमाल किया गया तमंचा अनुराग की लाश से दूर बेड के नीचे पड़ा था. सवाल ये है कि अगर ये मामला क़त्ल और खुदकुशी का ही था तो फिर प्रियंका के हाथ के पास हथौड़ा कहां से आया, जबकि तमंचा अनुराग से दूर कैसे था? तो इसका जवाब है का़तिल मामले को उलझाने के लिए सीन ऑफ क्राइम को फेब्रिकेट करने की पूरी कोशिश की थी, ताकि पुलिस की जांच भटक जाए और काफी हद तक इसमें कामयाब भी हो चुका था.

गांव खेती करता था अनुराग
अब बात अनुराग और उसके परिवार की. अनुराग अपने गांव में ही रह कर करीब सौ बीघा जमीन पर खेती किया करता था, जबकि उसकी बीवी प्रियंका लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करती थी. प्रियंका ने लखनऊ में एक फ्लैट ले रखा था और उनके तीनों बच्चे प्रियंका के साथ ही रहते थे. प्रियंका बच्चों को लेकर अक्सर गांव अपने पति अनुराग के पास आती थी. अनुराग के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि घर में अनुराग की बुजुर्ग मां के अलावा उसका एक भाई अजीत है, जो गांव में उनके घर के पास ही रहता है. 

अपने बच्चों से बहुत प्यार करते थे अनुराग और प्रियंका
अनुराग के भाई अजीत ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उसका भाई के पास चूंकि कोई नौकरी नहीं थी, वो काफी परेशान रहता था. और उसकी अक्सर अपनी पत्नी प्रियंका से भी लड़ाई होती थी. और उसने इसी झगड़े में इस वारदात को अंजाम दिया होगा, लेकिन लखनऊ में प्रियंका के पड़ोस में रहने वाली उसकी सहेलियों की मानें तो अनुराग प्रियंका और अपने बच्चों से बहुत प्यार करते थे, वो कभी ऐसा कर ही नहीं सकते.

कैसे किसी को इतनी बड़ी वारदात का पता नहीं चला?
अनुराग का घर गांव के बाकी घरों से थोड़ी दूरी पर है. लेकिन फिर भी सवाल ये भी है कि एक परिवार में इतनी बड़ी वारदात हो गई और किसी को पता क्यों नहीं चला. कहीं ऐसा तो नहीं कि कत्ल से पहले मरने वालों को कोई नशीली चीज खिला-पिला दी गई? फिलहाल इतना तो साफ हो गया है कि ये मामला वो नहीं है, जो बताया गया था. यानी मामला क़त्ल और खुदकुशी का नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ क़त्ल का है. लेकिन छह-छह क़त्ल की इस वारदात के पीछे कौन है और इन क़त्ल का मकसद क्या है, फिलहाल इस सच का खुल कर सामने आना बाकी है.

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