मणिपुर में गुरुवार को एक व्यक्ति का शव पड़ा मिलने के बाद जिरिबाम इलाके में हिंसा भड़क गई है. पुलिस के सूत्रों के मुताबिक उपद्रवियों ने जिरिबाम इलाके में कई मैतेई समुदाय के रहने वाले लोगों के घरों को आग लगा दी है. इसके बाद से मैतेई परिवार गांव से पयालन शुरू कर दिया है. साथ ही इलाके में हिंसा को रोकने के लिए सेना की तैनाती की गई है.
राज्य खुफिया सूत्रों का कहना है कि कूकी उपद्रवियों ने जिरीबाम के मैतेई गांव में हिंसा फैलाई है, जबकि दूसरी ओर कुकी समुदाय के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किए गए एक वीडियो से पता चलता है कि कथित कुकी उग्रवादी जिरिबाम जिले के लमताई खुनौ नामक गांव से जा रही मैतेई आबादी पर करीब से नजर रख रहे हैं और लमताई खुनौ जिरिबाम में स्थित मैतेई समुदाय के गांव में घरों को जला रहे हैं. साथ ही राज्य ने हिंसा को केंद्रीय सुरक्षा बलों से मदद भी मांगी है.
हमलावरों ने मैतेई समुदाय के घरों में लगाई आग
वहीं, सूत्रों का कहना है कि भारी हथियारों के साथ कुकी समुदाय के हमलावरों द्वारा मैतेई के गांव में घरों को आग लगाते हुए देखा गया है.
इसके इतर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 18वीं लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने के बाद सभी लाइसेंसी हथियारों को जब्त कर लिया गया था. चुनाव खत्म होने के बाद स्थानीय लोगों ने जिरिबाम पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था. जिससे तनावपूर्ण हो गई थी. इसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी करने हथियारों को लौटा दिया गया है.
पिछले साल भड़की थी हिंसा
आपको बता दें कि पिछले साल 3 मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की जातीय हिंसा के बाद मणिपुर में सैंकड़ों से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.