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Burari Rape Case: दिल्ली के अफसर की दरिंदगी का शिकार होने वाली नाबालिग पर क्या गुजरी है, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है. लेकिन चार महीने यौन शोषण के बाद उसकी मनोदशा ऐसी थी कि उसे हर कोई रेपिस्ट नजर आता था. उसको लगता था कि 'ये मेरा रेप कर देगा, नहीं-नहीं... ये तो ऐसा नहीं है, लेकिन क्या पता, ये गंदा काम कर दे.' कुछ ऐसे ही हालात से पीड़िता गुजर रही थी. ऐसे में सच का पता लगाना मनोवैज्ञानिकों के लिए बेहद मुश्किल काम था. एक पल में वो कुछ थी और दूसरी ही पल में कुछ और.
लेकिन एक बात, जो वो बार-बार बोल रही थी, वो थी 'मामा'. बस 'मामा' की जड़ में घुसकर मनोवैज्ञानिकों ने सच बाहर निकाल ही लिया. डरी-सहमी पीड़िता ने हिम्मत करके सच बोल ही दिया. और सच था कि मामा ही इस पूरे फसाद की जड़ था. वही उस नाबालिग बच्ची के साथ गलत हरकतें करता था. जिसकी वजह से वो इतनी डरी हुई थी कि कई बार वो अपने रिश्तेदारों और जानकारों तक को ये बोल देती थी कि वो उसका रेप तो नहीं कर देंगे, लेकिन दूसरे ही पल खुद को समझा भी देती थी.
बीच-बीच में पीड़िता को पैनिक अटैक आते थे, लेकिन कुछ समय के लिए वो अपने साथ हुई ज्यादतियों को भूल भी जाती थी और सामान्य बर्ताव करने लगती थी. वो एक समय के बाद अपने घर आ गई थी. लेकिन पता चला है कि उसने अपनी मां को सारी बातें इसलिए नहीं बताई थीं, क्योंकि खुद उसकी मां डिप्रेशन में थी. वो उसे और दुख नहीं देना चाहती थी.
जांच में पता चला था कि साल 2020 में पीड़िता के पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. उस वक्त वो 14 साल की थी. आरोपी और उसकी पत्नी की मुलाकात पीड़िता और उसकी मां से बुराड़ी के चर्च में कम्यून सर्विस के दौरान हुई थी. दोनों परिवार एक ही कॉलोनी में रहते हैं.
आरोपी पीड़िता की मां को यह समझाने में कामयाब रहा कि वह अपने घर पर उनकी बेटी की बेहतर देखभाल करेगा. बताया जा रहा कि अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच पीड़िता का पांच महीने की अवधि में बार-बार यौन उत्पीड़न किया. एक बार भी पीड़िता ने मां को आपबीती नहीं बताई और इस दौरान एक बार भी आरोपी की पत्नी को ये पता नहीं चला कि ये सब कुछ हो रहा है.
इस दौरान जब वो नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई तो आरोपी और उसकी पत्नी ने उसे गोली देकर जबरन उसका गर्भपात करा दिया. दरअसल, आरोपी की पत्नी को पीड़िता ने बताया था कि उसके पेट में दर्द हो रहा है और उसके पीरियड्स भी नहीं आ रहे हैं, तब आरोपी की पत्नी सीमा को शक हुआ और फिर सारा राज खुल गया. इसके बाद पीड़िता अपने घर लौट गई.
ऐसे में सवाल ये भी है कि पीड़िता की मां ने उससे ये क्यों नहीं पूछा कि वो मामा के यहां क्यों नहीं जा रही है? अब पीड़िता 17 साल की है. अस्पताल में भर्ती होने से पहले पीड़िता बहुत परेशान थी. उसकी मां को सब कुछ ठीक नहीं लग रहा था. थक हार कर वो उसे 10 अगस्त को अस्पताल ले गई थी. उसे दौरे पड़ रहे थे. शुरुआत में डाक्टरों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था. फिर डाक्टरों की टीम ने उससे सच जानना चाहा. मनोवैज्ञानिकों की मदद ली गई. जिन्होंने उससे कई सवाल-जवाब किए.
इसी के चलते 12 अगस्त को लड़की ने डॉक्टरों को सच्चाई बता दी. इसके बाद पुलिस ने 13 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया. अब पुलिस ने आरोपी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, एक तरफ पैसों की किल्लत, दूसरी तरफ पिता की मौत लड़की के लिए परेशानी का सबब बन गई थी. दूसरी तरफ मां का गम और मामा का वहशीपना भी पीड़िता को झेलना पड़ रहा था. यही वजह थी, जिसने उसे इस हालात में पहुंचा दिया.