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"कोई धंधा छोटा नहीं होता… और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता." रईस फिल्म का ये डायलॉग रियल लाइफ में अपनाने वाला सांसी समुदाय धर्म की तरह दिल्ली में अवैध शराब का कारोबार करता है. दिल्ली पुलिस के डीसीपी रह चुके एल.एन. राव का कहना है कि ये आपराधिक प्रवृत्ति के वो लोग हैं जो खुद फंसता हुआ देख पुलिस पर भी हमले करने से गुरेज़ नही करते क्योंकि इन्हें मुकदमें से डर नही लगता. राव का कहना है शराब की जब्ती हमेशा इंफार्मर के टिप पर मिलती है अचानक छापे से बरामदगी बहुत कम हो पाती है.
नई आबकारी नीति में पीने की उम्र और ड्राई डे दोनों ही कम हो गए. एक पर एक बोतल फ्री मिलने से हरियाणा के मुकाबले दिल्ली में दारू सस्ती हुई तो तस्करी भले ही कम हो गई हो लेकिन दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां आज भी अवैध दारू बिकती है. मटियाला, उत्तम नगर, संगम विहार, तिगड़ी, खानपुर, देवली, त्रिलोकपुरी, मंगोलपुरी, कल्याणपुरी, शाहबाद डेरी और भलस्वा. रजोकरी, पालम आया नगर, बिजवासन और पालम . वैसे संगम विहार में अवैध शराब माफिया को पुलिस ने खत्म कर दिया .
दक्षिण दिल्ली के अधिकांश गैंगस्टर, जैसे राजू रमाकांत राव उर्फ राजू बाबा, को अवैध शराब के कारोबार में लिप्त होने के लिए जाना जाता है. इससे कई गैंगवार भी हो चुके हैं. राव की अगस्त 2015 में गैंगस्टरों ने हत्या कर दी थी.
आउटर दिल्ली डिस्ट्रिक्ट इंटेलीजेंस यूनिट के इंसपेक्टर श्याम सुंदर का कहना है कि सांसी समुदाय सिर्फ शराब तक सीमित नही हैं बल्कि हेरोइन, ड्रग्स और सट्टे का कारोबार भी करते हैं. नई शराब नीति में ज्यादा शराब और अवैध शराब पकड़े जाने पर थाने से बेल नही मिलेगी. वहीं दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी राजेंद्र सिंह का कहना है कि नई शराब नीति से अवैध शराब धंधे से जुड़े लोगो को खरीदार नही मिलेंगे लिहाजा वो काम छोड़कर मुख्य धारा में आ जाएंगे.
पुलिस पर हमला करने की बड़ी घटनाएं
19 मई 2022 - दयालपुर थाने के सिपाही विनय, एसआई अजय स्वामी, एएसआई सतीश राणा और सिपाही जगदीश बाइक से इलाके में गश्त करते हुए दयालपुर के सादतपुर इलाके में शराब के ठेके पास पहुंचे. करीब 15 से 20 लोग खड़े थे. इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी.
पुलिस टीम को पहले से इंफार्मर ने टिप दी थी कि माफिया शराब को इधर-उधर करने वाले हैं. पुलिस की घेराबंदी को देखकर वहां कुछ महिलाएं पहुंचकर शराब बेचने वालों के खिलाफ पुलिस के एक्शन का विरोध करने लगी तभी सबने सिपाही विनय को पकड़कर पिटाई के बाद उसकी वर्दी फाड़ दी. पुलिस की टीम ने पूनम और सुनीता को मौके पर ही काबू कर लिया. बाद में इनको गिरफ्तार कर लिया. हमले के दौरान विनय को मामूली चोटें लगीं.
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27 जून 2020 - को फतेहपुरी बेरी थाने की पुलिस को खबर मिली कि एक शराब का बड़ा तस्कर अपने साथी के साथ हरियाणा से दिल्ली अवैध शराब लेकर सप्लाई करने जा रहा है. फतेहपुर बेरी में तैनात हेड कॉन्स्टेबल ने जब कार रोकने की कोशिश की तो कार सवारों ने उस पर कार चढ़ा दी. हेड कॉन्स्टेबल राजेश बुरी तरह घायल हो गए. अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उनके पैर में फैक्चर हो गया है.
साल 2019, अगस्त के महीने में सिपाही रामकिशन मदनपुर खादर इलाके में पेट्रोलिंग कर रहा था और अवैध रूप से बिक रही शराब को रोकने के लिए एक घर में पूछताछ शुरू कर दी तो परिवार की 2 महिलाओं कुसुम और गुड्डी ने मारपीट शुरू कर दी और पुलिस वाले की बाइक बाइक तोड़ दी. सिपाही ने आत्मरक्षा में हवा में फायरिंग कर कालिंदी कुंज थाने की पुलिस को इसकी जानकारी दी. जब तक पुलिस मौके पर पहुचती आरोपी भाग चुके थे.
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लाने के पीछे राजधानी में शराब माफिया की कमर तोड़ना और पूरी दिल्ली में शराब के समान वितरण 2 मुख्य वजह बताई. हालांकि नई आबकारी नीति को एलजी से मंजूरी मिलनी बाकी है. जबकि पुलिस के आंकड़े कहते हैं राजधानी में जब शराब भरपूर थी तब भी शराब माफिया सक्रिय रहा.
जबसे नई आबकारी नीति लागू हुई है तबसे अवैध शराब के 3045 केस दर्ज हुए, 3272 लोग गिरफ्तार हुए और 244300 शराब जब्त की गई. ऐसे में 7 महीने ( नवंबर 2021 से मई 2022 तक) दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जब दिल्ली में भरपूर शराब मिल रही थी तब भी शराब माफिया सक्रिय था. इस साल 15 मई तक 2287 केस दर्ज हुए , 2366 की गिरफ्तारी हुई तो शराब 164913 जब्त हुई.
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पिछले साल जहां एक्साइज एक्ट के तहत नवंबर और दिसंबर महीने में 758 दर्ज केसेज में 906 लोग गिरफ्तार किए गए तो कुल 79387 शराब बरामदगी थी.
आंकड़े ये कहते हैं कि पुलिस की लाख सख्ती के बाद भी शराब माफिया सक्रिय है जो कि पॉश एरिया में नही बल्कि अवैध झुग्गी बस्तियों से अपना अवैध कारोबार करता है. दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा का कहना है कि एरिया डीसीपी ना केवल शराब माफिया पर नज़र रखता है बल्कि शराब तस्करी के रूट पर विशेष पिकेट चेकिंग की जाती है. हॉटस्पाट में गश्त भी होती है. पुलिस शराब माफिया के खिलाफ 47/48 डीपी एक्ट के तहत कारवाई करती है.
शराब माफिया पर पुलिस का क्रैकडाउन
सुमन नलवा का कहना है कि शराब तस्करी को रोकने के लिए सबसे जरूरी है उसके सोर्स को पता करना. कहीं तस्करी के तार दूसरे राज्यों से तो नही जुड़े हैं. ऐसे में हर शराब जब्ती की जांच अंतरराज्यीय एंगल से करने के साथ ही शराब की मैनुफैक्चरिंग यूनिट को ध्वस्त किया जाता है. तस्कर की जेल से बेल हो जाने के बाद भी उस पर नजर रखकर जांच की जाती है.
आंकड़े कहते हैं कि दिल्ली में 272 वॉर्ड हैं, 79 वॉर्ड में एक भी शराब की दुकान नहीं है. 45 वॉर्ड में एक से दो दुकानें हैं. 158 वॉर्ड में दुकानें नहीं हैं या कम हैं. 54 वॉर्ड ऐसे हैं जहां 6 से ज़्यादा या 10 से ज़्यादा दुकानें हैं. दिल्ली में करीब 850 दुकानें हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत दुकानें 45 वॉर्ड में हैं. शराब के इसी असमान वितरण को खत्म करने और शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए नई आबकारी नीति दिल्ली में लागू की गई.