scorecardresearch
 

China ने उड़ाया नया ताकतवर अवॉक्स विमान, टक्कर अमेरिकी जासूसी विमान को... खतरा भारत के लिए

China ने एक ऐसा जासूसी विमान बनाया है, जिससे भारत को खतरा हो सकता है. इसकी तुलना अमेरिकी नौसेना के E-2 Hawkeye से की जा रही है. यह छठीं पीढ़ी का सर्विलांस एयरक्राफ्ट है. जो चीन की नौसेना की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी कर देगा.

Advertisement
X
ये है चीन का नया अवॉक्स विमान केजे-600. इसकी फोटो चीन के सोशल मीडिया वीबो पर वायरल हो रही हैं.
ये है चीन का नया अवॉक्स विमान केजे-600. इसकी फोटो चीन के सोशल मीडिया वीबो पर वायरल हो रही हैं.

चीन ने मार्च के महीने में अपने आधुनिक, घातक, सटीक और खतरनाक जासूसी विमान KJ-600 अवॉक्स की सफल उड़ान की. यह चीन की नौसेना के लिए बनाया गया अगली पीढ़ी का टैक्टिकल अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट है. इसकी तुलना अमेरिका के ई-2 हॉकआई (E-2 Hawkeye) से की जा रही है. लेकिन इससे भारत को कितना खतरा है? 

Advertisement

KJ-600 टैक्टिकल अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट के चीनी नौसेना में शामिल होने से उसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. चीन लगातार 24x7 आसमान से अपनी सीमाओं और दुश्मन देशों पर नजर रख सकता है. जासूसी कर सकता है. निगरानी कर सकता है. यह विमान आसमानी सर्विलांस, कमांड और कंट्रोल के लिए ही बनाया गया है. 

यह भी पढ़ें: Mission Shakti: अंतरिक्ष में भारत के दुश्मनों का काल, ऐसे करता है काम... जानिए क्यों पड़ी इस महाहथियार की जरूरत?

China KJ-600 AWACS Aircraft

इसे Xian एयरक्राफ्ट कंपनी ने बनाया है. इसके फ्लाइट ट्रायल्स 2020 के अंत में शुरू हुए थे. उसी समय जब दुनिया कोरोना से परेशान चल रही थी. इसमें दो टर्बोप्रॉप इंजन लगे हैं. ज्यादा ईंधन भरा जा सकता है. लंबी दूरी की उड़ान और निगरानी संभव है. इसमें बहुत बड़ा डॉर्सल रैडोम लगा है, जिसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) राडार लगा है. चीन ने कुल ऐसे चार से छह विमान बनाए हैं. 

Advertisement

पहले जानते हैं इस विमान की खासियत... 

इस विमान को 5-6 लोग मिलकर उड़ाते हैं. 59.6 फीट लंबे और 18.9 फीट ऊंचे जहाज का खाली वजन 25,401 किलोग्राम है. यह अधिकतम 693 km/hr की गति से उड़ान भरता है. इसकी रेंज 1250 km है. बीच में फ्यूल मिले तो यह 2800 किलोमीटर तक जा सकता है. यह अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 

यह भी पढ़ें: Baltimore Bridge Collapse: क्यों और कैसे हुआ बाल्टीमोर ब्रिज हादसा... जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

US Navy E-2 Hawkeye
ये है अमेरिकी नौसेना का ई-2 हॉकआई एयरक्राफ्ट, जिसकी नकल करने का आरोप चीन पर लगा है. (फोटोः गेटी)

अमेरिकी विमान ई-2 हॉकआई की नकल का आरोप... 

चीन पर हमेशा से अपने किसी भी उत्पाद की डिजाइन को लेकर नकल करने का आरोप लगता रहा है. यह विमान भी बहुत हद तक अमेरिकी नौसेना के अवॉक्स विमान E-2 Hawkeye से मिलता है. कम से कम बाहर का ढांचा तो लगभग अमेरिकी विमान की तरह ही है. इस विमान की पहली टेस्ट फ्लाइट 29 अगस्त 2020 में हुई थी. 

2021 में फ्लाइट टेस्टिंग की शुरुआत हुई. यह प्रक्रिया 2023 के अंत तक चलती रही. यह विमान चीन के किसी भी विमानवाहक युद्धपोत पर तैनात किया जा सकता है. यानी चीन की नौसेना इस विमान को दुनिया के किसी भी देश की ऊपर ले जाकर उड़ा सकता है. ताकि अपने युद्धपोत के कैरियर ग्रुप्स को एक्टिव रख सके. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: जानवरों से नहीं... इंसानों से जानवरों में फैले दोगुने वायरस, अगला खतरा इस बीमारी का... नई स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा

जानिए E-2 Hawkeye की खासियत... 

US Navy E-2 Hawkeye

अमेरिका में यह विमान 1960 से मौजूद है. अब तक 313 विमान बन चुके हैं. इसे पांच लोग मिलकर उड़ाते हैं. 57.9 फीट लंबे इस जहाज की ऊंचाई 18.4 फीट है. यह अधिकतम 650 km/hr की स्पीड से उड़ सकता है. इसकी फेरी रेंज 2708 किलोमीटर है. अधिकतम 34,700 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 

भारत को इसका क्या नुकसान होगा? 

चीन अपने युद्दपोतों पर इसे तैनात करने के बाद भारत की सीमा से दूर इसे लॉन्च कर सकता है. आसमान में यह जहाज भारत के सैन्य ठिकानों, जहाजों, बंदरगाहों या लद्दाख की सीमा पर हो रही हरकतों पर नजर रख सकता है. यानी निगरानी के लिए जरूरी नहीं कि चीन अपने सैटेलाइट्स का सहारा ले. वह इन विमानों की मदद भी ले सकता है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement