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आजमगढ़ में एक स्कूली छात्रा की स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर सुसाइड के मामले स्कूल प्रिंसिपल और टीचर की गिरफ्तारी के विरोध में आज गाजियाबाद के सभी प्राइवेट स्कूल बंद रखे गए हैं. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल और गाजियाबाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के आह्वान पर गाजियाबाद के अधिकांश निजी स्कूल बंद हैं.आज स्कूलों को बंद रखने के फैसले की जानकारी स्कूलों ने पेरेंट्स को मैसेज कर कल भेज दी थी. हालांकि गाजियाबाद में स्कूलों को बंद रखने के फैसले को गाजियाबाद पेरेंट्स एशोशियेशन ने गलत बताया हैं और फैसले का विरोध किया हैं.
पेरेंट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा हैं. जीपीए के अनुसार एनएडेड स्कूल एसोसिएशन और स्कूल फेडरेशन द्वारा अपना वर्चस्व और शक्ति प्रदर्शन शासन, प्रशासन एवं पुलिस पर और जांच प्रक्रिया पर दबाव बनाने के तहत यह बंद का फैसला किया गया है. जिससे लगता है कि स्कूल एसोसिएशन बच्ची की मौत की घटना के दोषियों को बचाने में जुटी हुई है और न्याय प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं, जोकि न्याय पूर्ण नहीं है. इसलिए स्कूलों को बंद रखने पर रोक लगाकर इस पर कार्रवाई की जाए और बच्ची की मौत के दोषियों पर भी सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए.
साफ है कि 11वीं क्लास की स्टूडेंट की मौत की घटना अब तूल पकड़ रही है. एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और स्कूल फैडरेशन्स द्वारा स्कूलों को बंद रखने का फैसला कर न्याय और निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है. वहीं जीपीए ने इसे कानूनी रूप से सही नहीं मानते हुए गलत बताया हैं और घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि 31 जुलाई को आजमगढ़ के एक गर्ल्स स्कूल की 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा ने स्कूल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. आरोप है कि लड़की के बैग से मोबाइल बरामद हुआ था. इसी को लेकर उसे जमकर डांट-फटकार लगाई गई और प्रताड़ित किया गया. इसी से आहत होकर उसने तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी. मृतका के परिजनों की तहरीर पर स्कूल प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर मुकदमा दर्ज किया गया और बाद में दोनों को अरेस्ट कर लिया गया. इस कार्रवाई का विरोध करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (Unaided Private Schools Association UP) ने 8 अगस्त को प्राइवेट स्कूलों की बंदी की घोषणा की थी.