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Kota Suicide: घर आने वाला था, कुछ घंटे पहले बहन से बात की, फिर फोन फॉर्मेट-सिम गायब क्यों? पिता ने उठाए सवाल

Kota Student Suicide Case: 16 वर्षीय छात्र पिछले एक साल से कोटा में रहकर जेईई एग्जाम की तैयारी कर रहा था. छात्र के पिता ने बताया कि वह 9 मार्च को घर जाने वाला था, ट्रेन की टिकट हो चुकी थी, घटना से कुछ घंटे पहले बड़ी बहन से नॉर्मल बात भी की. लेकिन इसके कुछ घंटे बाद बेटे के सुसाइड की सूचना मिली.

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'पापा हमसे जेईई नहीं हो पाएगा' लिखकर छात्र ने सुसाइड कर लिया था (फोटो सोर्स: चेतन गुर्जर)
'पापा हमसे जेईई नहीं हो पाएगा' लिखकर छात्र ने सुसाइड कर लिया था (फोटो सोर्स: चेतन गुर्जर)

Kota Student Suicide Case: कोटा में छात्र आत्महत्या के आंकड़े इस साल भी डराने वाले हैं. पिछले साल कोटा में जेईई-नीट की तैयारी कर रहे 29 छात्र-छात्राओं ने सुसाइड कर लिया था और इस साल मार्च का तीसरा महीना अभी शुरू ही हुआ था कि छ छात्र आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि कई छात्रों को समय रहते सुसाइड करने से रोका जा चुका है. हाल ही में बिहार के भागलपुर से इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई की तैयारी करने कोटा आए 16 वर्षीय अभिषेक कुमार ने सल्फास की गोली खाकर अपनी जान दे दी. छात्र के कमरे से मिले सुसाइड नोट में उसने अपने पिता से जेईई नहीं कर पाने के लिए माफी मांगी. हालांकि पिता का कहना है कि वह आत्महत्या नहीं कर सकता, प्रशासन को पूरे मामले की जांच करनी चाहिए.

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'पापा हमसे जेईई नहीं हो पाएगा' लिखकर छात्र ने कर लिया सुसाइड

मृतक छात्र अभिषेक पिछले साल ही जेईई की तैयारी करने कोटा आया था. वह कोटा के विज्ञान नगर इलाके में रहकर कोचिंग कर रहा था. शुक्रवार सुबह करीब 8 से 9 बजे के बीच उसके कमरे से बदबू आई. शक होने पर पीजी संचालक ने पुलिस को बुलाया. पुलिस ने आकर कमरा तोड़ा तो स्टूडेंट बेहोश पड़ा था. पुलिस के अनुसार उसने सल्फास खाकर जान दी. मौके पर FSL टीम को बुलाकर परिजनों को सूचना दी है. कमरे में एक पीले कागज में लिखा सुसाइड नोट मिला. जिसमें लिखा था कि-'पापा हमसे जेईई नहीं हो पाएगा, मुझमें आपसे बोलने की हिम्मत नहीं है, आई क्विट'. परिजनों का अपने मृतक पुत्र के शव को देखकर रो-रोकर बुरा हाल था. पिता बेहोश भी हो गए, जिनका उपचार करवाया गया. 

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9 मार्च को घर आने वाल था अभिषेक

छात्र के पिता पिता प्रदीप मंडल ने बताया कि 7 तारीख को उससे बात हुई थी. उसने कहा था 8 की छुट्टी है. उसका टिकट बना हुआ था 9 को घर आने वाला था. 9 तारीख को उसकी 12 बजे की ट्रेन थी. तब उसने कहा था कि मुझे दिक्कत नहीं. उसने अपने भाई से फोन पर बात भी की थी. परिवार के अन्य सदस्य उससे मिलने भी आते थे, मैं नहीं आ पाया. अभिषेक पांच भाई बहन में चौथे नम्बर का था. वो पढ़ाई में अच्छा था, और अपनी मर्जी से कोटा आया था. 

बेटे का फोन फॉर्मेट, सिम भी गायब- पिता ने जताया शक

सुसाइड नोट को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पिता ने कहा कि उनका बेटा अभिषेक सुसाइड नहीं कर सकता, वो हंसमुख था. तनाव या टेंशन जैसी कोई बात ही नहीं थी. प्रशासन से मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो. अभिषेक का मोबाइल पूरा फॉर्मेट है उसमें सिम भी नहीं है.

कुछ घंटे पहले बहन से हुई थी बात

मामा दीपक ने बताया कि अभिषेक की दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी. बड़ा भाई पटना में, छोटा भाई कोलकाता में पढ़ाई करता है. 8 मार्च को सुबह 6 बजे अभिषेक की बड़ी बहन से बात हुई थी. हालचाल , खाने पीने व पढ़ाई के बारें में सामान्य बात हुई. कुछ घंटे बाद अभिषेक का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. करीब तीन-चार घंटे बाद उसकी मौत की सूचना मिली. आज भी अभिषेक के कमरे से सल्फास का फटा हुआ पैकेट मिला है. 

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पिता का कहना था कि वह एक साल से कोटा में रह रहा था, वह आत्महत्या नहीं कर सकता, प्रशासन पूरे मामले की जांच करे. एमबीएस की मोर्चरी पर पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े, पिता प्रदीप मंडल तो जवान बेटे का शव देखकर बेसुध हो गए. उन्हें साथ आए लोगों ने संभाला. उनको उठाकर एक तरफ हवादार जगह पर बैठाया. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजनों को शव सुपुर्द किया.

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