चीनी कम, पा, चुप और घूमर जैसी फिल्मों से बतौर डायरेक्टर खुद को साबित कर चुके आर बाल्की इस मुलाकात में बताते हैं कि उनकी पिछली फिल्म घूमर आखिर किन कारणों की वजह से थिएटर्स में नहीं चल पाई.
बॉक्स ऑफिस में कुछ भी प्रीडिक्ट कर पाना मुश्किल
पोस्ट कोरोना बॉक्स ऑफिस के बदलते डायनेमिक पर बात करते हुए आर बाल्की कहते हैं, बॉक्स ऑफिस के बारे में दो पॉइंट्स है. पहला तो यह एक जुए की तरह है, दूसरा फिल्मों की रिलीज डेट बहुत मायने रखती है. एंटरटेनमेंट वैक्यूम जब होता है, तो उस वक्त पर अगर अच्छी कहानी बिना बड़े कास्ट की भी आती है, तो उस फिल्म की सक्सेस रेट्स हाई हो जाते हैं. कभी-कभी अच्छी फिल्म भी गलत टाइमिंग की वजह से धाराशाई होते जाती हैं. बॉक्स ऑफिस केवल कॉन्टेंट ड्रीवन नहीं होते हैं, बहुत सारे पहलू हैं, जिसके बेसिस पर फिल्मों की डेस्टिनी तय होती है. आप उसे मसाला फिल्म, मीनिंगफुल फिल्म या लॉजिक फिल्मों की कैटिगरी में बांटकर नहीं रख सकते हैं. आपको सही तारीख मिलना भी किसी फिल्म की सक्सेस का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण हो सकता है.
गदर और ओमजी के टशन में फिल्म की चर्चा ही नहीं
आर बाल्की की पिछली फिल्म घूमर रही है. फिल्म को क्रिटिक समेत दर्शकों के भी बेहतरीन रिव्यू मिले थे. फिर भी बॉक्स ऑफिस पर फिल्म धराशायी साबित हुई. घूमर फिल्म के फ्लॉप होने की खास वजह पर प्रकाश डालते हुए बाल्की कहते हैं, हमारी फिल्म से एक हफ्ते पहले गदर 2 और ओएमजी 2 एक साथ रिलीज हुई थी. मुझे लगा था रिलीज के एक हफ्ते बाद फिल्म का बज थोड़ा कम हो जाएगा. घूमर को एक वींडो मिल जाएगा. दूसरी वजह यह रही कि फिल्म ज्यादा स्क्रीन भी नहीं मिल पाया था. बहुत ही लिमिटेड जगहों पर फिल्म थिएटर्स में आई थी. गदर और ओह माय गॉड की हवा इतनी ज्यादा थी कि घूमर की बात हो, यह मौका किसी को मिला ही नहीं. सारी बातें इन दो फिल्मों के इर्द-गिर्द हो रही थी. बात यही होती थी कि इन दोनों फिल्मों ने कितना करोड़ बनाया, कौन किससे आगे है, कौन हिट है..फलां..फलां..
मेरी फिल्मों में घूमर को मिली सबसे ज्यादा सराहना
बाल्की आगे कहते हैं, बातचीत बस यही थी कि गदर कैसे इतनी बड़ी हिट हो सकती है. ये तो पठान से भी आगे जाएगी. बॉक्स ऑफिस की ही हावाबाजी इतनी थी कि कोई नई बात या फिल्म का जिक्र करने का स्कोप ही नहीं बचा था. हालांकि जितने लोगों ने भी घूमर देखी, उन्होंने इसे बहुत प्यार दिया है. यकीन मानों, मेरी सारी फिल्मों से सबसे ज्यादा सराहना इस फिल्म को मिली है. बहुत कम लोगों ने फिल्म देखी है. जब फिल्म जी पर रिलीज हुई, तो लोगों को पता चला कि इस नाम की कोई फिल्म भी आई है. किसी ने मुझसे तो यह भी कहा कि आपने फिल्म थिएटर में रिलीज क्यों नहीं की. मैंने उन्हें बताया कि भाई ये फिल्म तो थिएटर में रिलीज हो गई थी. हमें ऐसा अहसास हो गया था कि कितनी भी मार्केटिंग कर लें, हमने डेट ही गलत चुन लिया था. मुझे कई क्रिटिक फ्रेंड्स का कॉल आया था कि डेट को खिसका लो, लेकिन कोई भी फैसला लेने में हम बहुत लेट हो चुके थे. हालांकि आने वाले समय में मेरी यही कोशिश रहेगी कि मैं कुछ ऐसी फिल्मों पर फोकस करूं, जिसे देखने लोग थिएटर जरूर आएं.