रजत कपूर इन दिनों अपनी शॉर्ट फिल्म अर्मांड को लेकर चर्चा में हैं. इस फिल्म में रजत एक ऐसे पिता की भूमिका में हैं, जहां वो अपने बेटे को उसके पैशन यानी फुटबॉल खेलने से रोकते हैं. फिल्मों में आने से पहले रजत की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही थी. उनके पिता कतई नहीं चाहते थे कि वो एक्टिंग में अपना करियर बनाए. इस मुलाकात में रजत हमसे अपनी इस शॉर्ट फिल्म, करियर और नसीरुद्दीन शाह से अपने रिश्ते पर बातचीत करते हैं.
जब हमने जानना चाहा कि आखिर स्क्रिप्ट में ऐसी क्या खासियत थी, जिसके लिए उन्होंने हामी भर दी. तो जवाब में रजत कहते हैं, 'मुझे खासियत तो पता नहीं है लेकिन स्क्रिप्ट अच्छी लगी है. जरूरी नहीं हर चीज खास हो, कभी-कभी चीजें अच्छी भी हों, तो काम चल जाता है. हां, मैं फीचर फिल्म सिलेक्ट करते वक्त उसके खास होने का बहुत ख्याल रखता हूं. दरअसल फीचर फिल्में बहुत जोर-शोर से लोगों के सामने आती हैं, हो हल्ला होता है. शॉर्ट फिल्म में वैसा कोई कमिटमेंट होता नहीं है.'
कहानी बेटे और बाप के बीच के रिलेशनशिप पर है. फिल्म मेकिंग जैसा अनकन्वेंशनल रास्ता चुनने पर रजत कहते हैं, दिल्ली में मेरे पिताजी का प्रीटिंग प्रेस हुआ करता था. जब मैंने उनसे कहा कि मैं पूणे जाकर एफटीआई में सिनेमा की पढ़ाई करना चाहता हूं, तो मेरे इस फैसले पर वो काफी शॉक्ड हुए थे. गुस्सा भी थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि मैं इस तरह की करियर को तवज्जो दूं. अमूमन जो ट्रेडिशनल घरों में होता है, पैरेंट्स को यही लगता है कि ऐसे कामों में कोई सिक्यॉरिटी नहीं होती है. वो चाहते थे कि मैं प्रीटिंग प्रेस के बिजनेस को ही आगे लेकर जाऊं.
FTII में पढ़ाई करने के दौरान ही रजत ने ठान लिया था कि उन्हें फिल्म मेकिंग ही करना है. उस दौरान नसीरुद्दीन शाहर बतौर फेकल्टी उनकी क्लास भी लिया करते थे. नसीरुद्दीन शाह संग अपनी बॉन्डिंग पर रजत कहते हैं,मैंने करियर की शुरुआत में नसीर साहब के साथ काम किया था. वो ऐसी पर्सनैलिटी हैं, जिससे आज भी मैं इंटीमिडेट हो जाता हूं. नसीर साहब कई बार एफटीआई में बतौर हमारे लेक्चरर भी आए हैं. जब मैं 14 से 15 साल का रहा होऊंगा, तब उन्होंने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. मुझे उनकी निशांत, मंथन जैसी फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं. मैं उन्हें थिएटर के दिनों से जानता था. जब मैं दिल्ली में चिंगारी थिएटर में एक्टिव था, तब से हमारी जान-पहचान है. मैंने उन्हें अपनी पहली फिल्म की स्क्रिप्ट दिखाई, तो उन्हें अच्छी लगी थी. उन्होंने उदारता दिखाकर एक्टिंग भी की है. उन्होंने मेरी कई फिल्मों में एक दिन का भी रोल किया है. वो बहुत ही सपोर्टिव हैं.
रजत आज की जनरेशन में किस एक्टर को पंसद करते हैं. तो जवाब में रजत कहते हैं, मुझे आज की ब्रिगेड में बहुत सारे ऐसे टैलेंट दिखते हैं, जो लंबी रेस का घोड़ा हो सकते हैं.ओटीटी ने उन्हें एक बेहतरीन मौका दिया है और उनका टैलेंट निखरकर सामने आ रहा है. मेरा फेवरेट तो हमेशा से रणवीर शौरी है, मनुऋषि चड्ढा जैसे नाम हैं, जिनके साथ मैंने काम किया है और आगे भी करना चाहूंगा. कुछ नए टैलेंट भी हैं, उनके साथ भी काम करने को इच्छुक हूं.
क्या बॉलीवुड में स्टार पावर खत्म हुआ है. इसके जवाब में रजत कहते हैं, खत्म कहां, अभी स्टार पावर तो वापस आ गया है. आप कहां हो, हर तरफ शाहरुख खान चारो तरफ है. हर छ महीने में चीजें बदलती रहती है. यह दौर आया है, तो चला भी जाएगा. अभी स्टारपावर आया है, तो अचानक से लोग मीनिंगफुल फिल्में देखना चाहेंगे.