रणदीप हुड्डा अपनी फिल्म 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर' को लेकर चर्चा में हैं. इसमें उन्हें विनायक दामोदर सावरकर का रोल निभाते देखा गया है. मिक्स रिव्यू के साथ पर्दे पर खुली इस फिल्म के लिए रणदीप हुड्डा ने काफी मेहनत की है. उन्होंने डाइट कर सावरकर के रोल के लिए कई किलो वजन घटाया था. इतनी ही नहीं, इस फिल्म पर हुड्डा ने लगभग दो साल काम किया. अब एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि काला पानी जेल के सीन को शूट करते हुए उन्हें कुछ अजीब लगा था.
जेल में रणदीप को हुआ महसूस
रणदीप ने अंडमान और निकोबार के पुराने जमाने के जेल में फिल्म 'सावरकर' की शूटिंग की थी. इसी जेल में कैदियों को काला पानी की सजा मिलने के बाद भेजा जाता था. अब अपने एक इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने कहा है कि उन्हें शूटिंग के दौरान विनायत सावरकर की 'मौजूदगी' सेट पर, खासतौर पर जेल में महसूस हुई थी. जेल में रणदीप ने कुछ सीन्स को रात के वक्त शूट किया था. बियर बाइसेप्स पॉडकास्ट में रणदीप हुड्डा ने कहा, 'मुझे ऐसा लगने लगा था जैसे सावरकर खुद ही डायरेक्टर हैं.'
इंटरव्यू के दौरान रणदीप हुड्डा से पूछा गया कि उन्हें सावरकर की मौजूदगी सेट पर महसूस हुई थी. इसपर एक्टर ने कहा, 'हां, हर फ्रेम में. ऐसा कई बार हुआ जब मैंने ये महसूस किया. बहुत-सी बार काम करते हुए मेरे साथ ये हुआ कि मैं कोई परछाई देखता था, कभी-कभी वो मेरी ही होती थी, और मैं सोचता था, 'वाओ, ये बिल्कुल विनायक दामोदर सावरकर जैसा लग रहा है.'
जब सांस आनी हुई बंद
एक्टर ने अंडमान और निकोबार के जेल के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि जेल में शूटिंग के लिए उन्हें अलग-अलग मंत्रालयों से इजाजत लेनी पड़ी थी, जो आसान काम नहीं था. लेकिन ये फिल्म बिना उस लोकेशन के पूरी नहीं हो सकती थी. रणदीप हुड्डा ने कहा, 'मैं सावरकर के जेल की सेल में अकेले वक्त बिताना चाहता था. तो मैंने उन्हें मुझे अंदर बंद करने को कहा. मुझे कुछ वक्त अच्छा लगा लेकिन फिर मुझे लगा जैसे दीवारें मेरे ऊपर गिरने वाली हैं. मैं मदद के लिए चिल्लाने लगा लेकिन मेरी आवाज नहीं जा रही थी. मेरा दम घुटने लगा था, मुझे सांस आना बंद हो गई थी.'
रणदीप हुड्डा से पूछा गया कि क्या उन्होंने जेल में रात बिताई थी. जवाब में एक्टर ने कहा, 'अलग ही टाइप का सन्नाटा होता है वहां पर रात को. वहां कोई हवा नहीं चलती. लेकिन उस लोकेशन को कभी पूरी तरह बंद नहीं किया गया. वो लोग रात को लाइट एंड साउंड शोज करते हैं.' रणदीप से ये भी पूछा गया कि क्या उन्हें जेल में 'कुछ दिखाई या सुनाई' दिया था. जवाब में एक्टर बोले, 'मुझे सिर्फ ये महसूस हो रहा था कि एक वक्त पर यहां लोग होते थे और अब नहीं हैं. कभी कभी शायद कुछ महसूस हुआ... लेकिन वहां बहुत लोग थे. तो आप कुछ कह नहीं सकते. कोई भी वहां ज्यादा दूर नहीं जाता था.'
फिल्म 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर', 22 मार्च को रिलीज हुई है. इसमें रणदीप हुड्डा के साथ अंकिता लोखंडे नजर आईं हैं. एक्टर की बहन और डॉक्टर अंजलि हुड्डा ने इससे अपना एक्टिंग डेब्यू किया है. ये रणदीप की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म है.