एकता कपूर के सुपरनैचुरल शो 'नागिन' से दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने वालीं सायंतनी घोष के जीवन में एक समय ऐसा भी आया, जब उनके पास घर की EMI भरने के पैसे नहीं थे. करीब एक साल एक्ट्रेस घर पर थीं. सायंतनी को काम तो मिल रहा था, लेकिन उस तरह के रोल्स उन्हें नहीं मिल रहे थे, जैसे वह चाहती थीं.
सुपरनैचुरल सीरियल के बाद नहीं किया एक साल काम
हाल ही में सिद्धार्थ कनन संग बातचीत में सायंतनी घोष ने लाइफ के उन चैलेंजिंग पलों के बारे में बताया, जब एक शो ने उनकी किस्मत तो चमकाई, लेकिन अगला एक साल उनके लिए काफी कठिन बीता. काम तो आए, लेकिन सायंतनी घोष ने उन्हें करने से इनकार कर दिया. सायंतनी घोष ने कहा, "इंडस्ट्री में मेरा दो दशक का करियर रहा है. साल 2010 मेरे लिए काफी मुश्किलों भरा रहा. एक स्ट्रगल आपके करियर में होता है, जब आपको काम मिल ही नहीं रहा होता है. आप सोचते हैं कि एक ब्रेक मिल जाए बस, फिर मैं अपने काम के दम पर पूरी दुनिया जीत लूंगी. लेकिन मेरे लिए यह स्ट्रगल अलग था.
12वीं पास करते मिल गई शोहरत
मैं पहले से ही इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुकी थी. 12वीं पास की, मिस कोलकाता बनी, फिर कोलकाता में कई टेलीफिल्में कीं. मैं बैक-टू-बैक बंगाली फिल्मों की हीरोइन थी. फिर मैं मुंबई आई. मेरा पहला शो 'कुमकुमः एक प्यारा सा बंधन' था. शुरू हुआ और जल्द ही वह रैपअप हो गया. शो में मैं बहुत बाद में आई. इसलिए कुछ खास उससे पहचान नहीं मिली."
सायंतनी ने आगे कहा कि मेरा दूसरा शो 'घर एक सपना' था और फिर 'नागिन'. इस शो ने मेरी लाइफ बना दी थी. दो सालों में मुझे हर कोई जान गया था. मैं 23 साल की थी, जब मैंने अपना छोटा सा मुंबई शहर में घर खरीदा था. गाड़ी मैं इससे और एक साल पहले खरीद चुकी थी. 23 साल की उम्र में यह बहुत बड़ी अचीवमेंट थी. फिर वह टाइम मेरे जीवन में आया, जब मेरे पास काम नहीं था. ऐसा नहीं कि काम आ नहीं रहा था. मैं उन्हें करने के लिए तैयार नहीं थी. मैं करियर के उस मुकाम पर थी, जहां मैं यह सोच रखती थी कि मैं दो पैसा कम ले लूंगी, लेकिन काम की क्वालिटी से मैं कॉम्प्रोमाइज नहीं करूंगी.
नागिन शो में काम करने के बाद नहीं मिला काम
"मैं टीवी की 'नागिन' के रूप में एक बड़ा चेहरा बन गई थी. मेकर्स भी इस सोच में थे कि 6-7 महीने इनकी 'नागिन' की इमेज को शांत होने दो, इसके बाद कुछ नए किरदार के साथ लॉन्च करेंगे, लेकिन जो रोल्स मेरे पास आए, मैंने मना कर दिया. रोल्स सुनकर लगता था कि फैन्स के बीच उस तरह से इनके जरिए मैं पॉपुलर नहीं हो पाऊंगी जो मैं 'नागिन' के समय हुई. इस चीज के चलते मैं करीब एक से डेढ़ साल घर पर ही रही. पैसा कहां से आए. 23 साल की उम्र में इतना नहीं पता था मुझे कि पैसे सेव कैसे करके चलने हैं. एक समय ऐसा आया कि इस सोच में मैं पड़ गई कि आखिर पैसा आए कहां से. हालांकि, मैं अपने पिता से भी पैसे मांग सकती थी, लेकिन नहीं मांगे."
सायंतनी को बेचना पड़ा घर
"मैं एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती थी. पिता से पैसे मांगने की जगह मैंने सोचा कि मैं घर बेच देती हूं. दिल पर पत्थर रखकर मैंने घर बेचा. करिए के घर में शिफ्ट हुई. बतौर एक्टर हमें हमेशा स्ट्रगल करना पड़ता है. एक एक्टर के जीवन में तीन-चार साल के बाद एक ऐसा समय आता है, जब हमारे पास काम नहीं होता. पैसे खत्म हो जाते हैं. आप बड़े स्टार बनते हैं तो एक बड़ा रोल मिलना आपके लिए मुश्किल हो जाता है. आज के समय में काफी कॉम्पिटिशन हो गया है. जब मैंने करियर शुरू किया था, तब बेकार से बेकार शो भी एक-डेढ़ साल चल जाता था. आज एक शो शुरू होकर कब खत्म हो गया, पता भी नहीं चलता. आज के समय में एक्टर्स को महीने की सैलरी नहीं मिलती. 90 दिन बाद सैलरी मिलनी शुरू होती है. तो स्ट्रगल हर एक्टर की लाइफ का हिस्सा बन गया है."
'नागिन' से मिली पहचान
सायंतनी घोष ने टीवी के कई पॉपुलर सीरियल्स और फिल्मों से इंडस्ट्री में पहचान बनाई है. सायंतनी ने 'नागिन' के पहले सीजन (2007-2009) में अमृता का किरदार निभाया था. इससे इन्हें घर-घर में पहचान मिली थी. सायंतनी घोष छोटे पर्दे पर 'कुमकुम: एक प्यारा सा बंधन', 'घर एक सपना', 'सबकी लाडली बेबो', 'मिसेज कौशिक की पांच बहुएं', 'महाभारत', 'गुस्ताख दिल', जैसे कई सीरियल्स में नजर आ चुकी हैं.