स्वदेशी आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) इंनियन नेवी को मिल गया. पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन तैनात हो सकते हैं. भारत में अमेरिका से आया मल्टीरोल MH-60R Romeo हेलिकॉप्टर भी तैनात किया जाएगा. कुल मिलाकर इस विमानवाहक युद्धपोत पर 30 से 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा हम आपको ये भी बताएंगे कि भविष्य में इस एयरक्राफ्ट करियर पर किस तरह के लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा सकता है. इसके लिए दुनिया की कई ताकतवर कंपनियां आपस में प्रतियोगिता कर रही हैं.
सबसे पहले उन एयरक्राफ्ट्स के बारे में जानते हैं, जो इस पर तैनात हैं...
मिग-29 फाइटर जेट (MiG-29 Fighter Jet)
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) पर भारत के सबसे तेज और खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक मिग-29 मिकोयान (MiG-29 Mikoyan) को तैनात किया गया है. इस फाइटर जेट ने भारत को कई युद्धों में फतह दिलाई है. सिर्फ एक पायलट से उड़ने वाला यह फाइटर जेट चुटकियों में दुश्मन के छक्के छुड़ा देता है. 17.32 मीटर लंबे जेट में 3500 KG ईंधन आता है. यह इसकी अधिकतम 2400 KM/घंटा की गति से उड़ सकता है. इसकी रेंज 2100 किलोमीटर है. अधिकतम 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 7 हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें अलग-अलग रॉकेट्स, मिसाइल और बम या फिर उनका मिश्रण लगाया जा सकता है.
रोमियो हेलिकॉप्टर्स (Romeo Helicopters)
एमएच 60आर मल्टी रोल हेलिकॉप्टर (MH 60R Multi-Role Helicopter) में दर्जनों सेंसर्स और रडार हैं जो दुश्मन की हर जानकारी देते हैं. इसे 3 से 4 लोग मिलकर उड़ाते हैं. इसके अलावा 5 लोग और बैठ सकते हैं. पूरे हथियारों और यंत्रों के साथ इसका अधिकतम टेकऑफ वजन 10,433 KG है. 64.8 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 17.23 फीट है. इसकी रेंज 830 KM है. अधिकतम 12 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी स्पीड 270 किमी प्रतिघंटा है. जरुरत पड़ने पर 330 किमी प्रतिघंटा पर भी उड़ सकता है.
रोमियो हेलिकॉप्टर पर दो MK 46, MK 50 या MK 54s टॉरपीडो लग सकते हैं. 4 से 8 AGM-114 हेलफायर मिसाइल लग सकती है. इस पर चार प्रकार की हैवी मशीन गन लग सकती है. यानी दुश्मन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा सकते हैं. असल में यह एक एंटी-सबमरीन हेलिकॉप्टर है. इंडियन नेवी उनका उपयोग हिंद और अरब महासागर में दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने और नष्ट करने के लिए करेगी.
कामोव केए-27 (Kamov Ka-27)
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) पर कामोव हेलिकॉप्टर्स (Kamov Helicopters) तैनात हैं. इसे तीन लोग मिलकर उड़ाते हैं. यह 16 जवान या 4000 KG वजन लेकर उड़ सकता है. 37.1 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 18.1 फीट है. अधिकतम गति 270 KM प्रतिघंटा है. रेंज 980 किमी है. अधिकतम 16 हजार फीट तक जा सकता है. इसमें टॉरपीडो, मशीन गन, 30 मिमी की कैनन या फिर बम, रॉकेट, गनपॉड्स या म्यूनिशन डिस्पेंसर्स लग सकते हैं.
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) पर भविष्य में कौन से फाइटर जेट्स हो सकते हैं तैनात...
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) के लिए भारतीय नौसेना ज्यादा बेहतर, तेज, खतरनाक और आधुनिक फाइटर एयरक्राफ्ट खोज रही है. इनमें जिन फाइटर जेट्स के बीच जंग चल रही है, वो हैं- राफेल का नेवी वर्जन, बोइंग का F-18 सुपर हॉर्नेट, मिग-29के और ग्रिपेन (Gripen).
राफेल का नौसैनिक वर्जन (Rafale's Naval Version)
राफेल का नौसैनिक वर्जन (Rafale's Naval Version) आम राफेल की तरह ही भरोसेमंद है. इसका कॉम्बैट रेडियस 3700 किमी है. इसमें तीन तरह की मिसाइलें लग सकती हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल. तीसरी है हैमर मिसाइल. राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल 150 KM, स्कैल्प मिसाइल 300 KM तक मार कर सकती है. जबकि, हैमर कम दूरी के लिए है.
एफ-18 सुपर हॉर्नेट (F-18 Super Hornet)
अमेरिकी कंपनी बोईंग एफ-18 सुपर हॉर्नेट (F-18 Super Hornet) को बनाती है. 60.1 फीट लंबे एयरक्राफ्ट का विंगस्पैन 44.8 फीट है. इसमें 6667 किलो ईंधन आता है. यह 1915 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम गति से उड़ सकता है. रेंज 2346 KM है. कॉम्बैट रेंज 722 किमी है. इसमें 450 KG के चार बम और AIM-9S मिसाइलें लगा सकते हैं. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. 11 हार्ड प्वाइंट होते हैं. जिसमें मिसाइलों, टॉरपीडो, बमों का मिश्रण लगाया जा सकता है.
मिग-29के (MiG-29K)
भारतीय वायुसेना और नौसेना इस फाइटर जेट का वायुसैनिक वर्जन उपयोग कर रही है. यह 56.9 फीट लंबा है. 14.5 फीट ऊंचा है. अधिकतम गति 2200 किमी प्रतिघंटा और रेंज 1500 किमी है. कॉम्बैट रेंज 850 KM है. अधिकतम 57 हजार फीट पर जा सकता है. इसमें 30 MM की GSh-30-1 ऑटो तोप लगी है. यह एक मिनट में 150 गोलियां दागती है. इसमें 8 हार्डप्वाइंट्स हैं, जिसमें आप कई तरह के बम या मिसाइल लगा सकते हैं.