16 अप्रैल 1988 भारत के इतिहास का वो सुनहरा दिन था, जब भारतीय नौसेना में एक बेहद ही ताकतवर जंगी जहाज़ शामिल किया गया था. इसका नाम है आईएनएस गोमती (INS Gomti). यह गोदावरी क्लास गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट का तीसरा जहाज था. आईएनएस गोमती पश्चिमी बेड़े का सबसे पुराना योद्धा भी था.
आज यानी 28 मई 2022 को मुंबई के मझगांव नेवल डॉकयार्ड में सूर्यास्त के समय इसे डिकमीशन किया गया है. आईएनएस गोमती ने भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा 34 सालों तक की है. इसका नाम गोमती नदी के नाम पर रखा गया था. इसे 1988 में तत्कालीन रक्षा मंत्री केसी पंत ने नौसेना में कमीशन कराया था.
आईएनएस गोमती (INS Gomti) ने कई बड़े ऑपरेशनों में भाग लिया है. जैसे- ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन इंद्रधनुष और कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों में भी शामिल रहा है. राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में INS गोमती के शानदार योगदान को देखते हुए इसे दो बार प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था. एक बार 2007-08 में और फिर 2019-20 में.
आज INS गोमती को अब लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थापित किया जाएगा. इसे एक ओपन एयर संग्रहालय के रूप में जीवित रखा जाएगा. जहां उसकी युद्ध प्रणालियों को सैन्य व युद्ध अवशेषों के तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा.