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IAS अधिकारियों का हिंदू-मुस्लिम WhatsApp ग्रुप, केरल सरकार कराएगी जांच

सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक IAS अधिकारी द्वारा पुलिस में दर्ज की गई शिकायत में कहा गया कि उनका व्हाट्सएप नंबर हैक कर लिया गया और इसका उपयोग एक धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया.

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IAS अधिकारियों का हिंदू-मुस्लिम WhatsApp ग्रुप. (सांकेतिक तस्वीर)
IAS अधिकारियों का हिंदू-मुस्लिम WhatsApp ग्रुप. (सांकेतिक तस्वीर)

केरल में IAS अधिकारी के मोबाइल नंबर से बनाए गए हिंदू और मुस्लिम अफसरों के दो WhatsApp ग्रुप मामली की जांच राज्य सरकार करेगी. केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने सोमवार को यह जानकारी दी. सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक IAS अधिकारी द्वारा पुलिस में दर्ज की गई शिकायत में कहा गया कि उनका व्हाट्सएप नंबर हैक कर लिया गया और इसका उपयोग एक धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया. 

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राज्य सरकार करेगी मामले की जांच

उद्योग मंत्री पी राजीव ने इस  मामले को 'गंभीर' बताते हुए कहा कि समुदाय आधारित विभाजन चिंता का विषय है. सरकार इस मामले की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि IAS अधिकारियों के लिए एक सामान्य आचार संहिता है, जो सार्वजनिक प्रशासन विभाग के तहत आती है. हम वर्तमान में स्थिति की जांच कर रहे हैं. 

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जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल IAS अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनका मोबाइल हैक कर लिया गया था, जिसके बाद उनके एडमिन रहते हुए दो WhatsApp ग्रुप बनाए गए, जिनके नाम धार्मिक रखे गए.

IAS गोपालकृष्णन ने शिकायत में बताया कि उनके नंबर से 'Mallu Hindu Officers' और 'Mallu Muslim Officers' नाम से दो WhatsApp ग्रुप बनाए गए. इतना ही नहीं इन ग्रुपों में कई IAS अधिकारियों को भी जोड़ा गया, जिसके बाद बवाल मच गया. कहा गया कि अधिकारियों के बीच सीनियर और जूनियर कैटेगरी के ग्रुप तो बनते हैं, लेकिन उच्च अधिकारी इस तरह धार्मिक ग्रुप नहीं बना सकते, ये धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है. हालांकि बवाल बढ़ने के बाद ग्रुप बनने के अगले ही दिन इन्हें खत्म भी कर दिया गया. इसके बाद भी ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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