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'जलीकट्टू' के दौरान मरने वालों के परिवार को 2 लाख का मुआवजा, सीएम स्टालिन ने किया ऐलान

जलीकट्टू के दौरान जान गंवाने वाले दो युवकों के परिवार को तमिलनाडु सरकार दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. सीएम स्टालिन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इस बार जलीकट्टू के दौरान 36 लोग घायल हुए. इसमें कुल 345 बिल टैमर्स ने हिस्सा लिया था और 1000 बैलों को छोड़ा गया था.

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मदुरै के पलामेदु में जलीकट्टू के दौरान बैल को काबू करते युवक.
मदुरै के पलामेदु में जलीकट्टू के दौरान बैल को काबू करते युवक.

जलीकट्टू के दौरान जान गंवाने वाले दो लोगों के परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. तमिलनाडु के सीएम एम. के. स्टालिन ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि जलीकट्टू के दौरान मरने वाले दो लोगों के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. 

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दरअसल, तमिलनाडु के पालमेडु और पुदुकोट्टई में दो लोगों की बैल को काबू करने के दौरान मौत हो गई थी. इसमें मदुरै जिले के पलामेदु में 24 साल के अरविंदराज नाम के शख्स की बैल को काबू करने के दौरान जान चली गई थी. अरविंदराज 9 बैलों को काबू कर चुका था.

दसवें बैल को कंट्रोल करते समय वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे मदुरै के राजाजी सरकारी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. वहीं, 25 साल के अरविंद की पुदुकोट्टई में जलीकट्टू के दौरान मृत्यु हो गई.

बता दें कि त्योहार को देखते हुए प्रशासन ने सख्त तैयारियां की थीं. यहां 1000 बैलों को वाड़ीवासल (बाड़े) से छोड़ा गया था. इन्हें काबू करने के लिए 345 बिल टैमर्स ने जोर आजमाइश की थी. इस दौरान 12 बिल टैमर्स, 15 बिल मालिक और 9 दर्शक घायल हुए थे.

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ये रहे जलीकट्टू के विजेता

जलीकट्टू के विजेताओं के नाम भी सामने आ चुके हैं. चिन्नापट्टी के थमीझरासन ने 23 बैलों को कंट्रोल कर पहला स्थान प्राप्त किया है. पलामेडु के मनु ने 19 बैलों को वश में कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. पालामेडु के ही राज्या ने 15 सांडों को वश में कर तीसरा स्थान प्राप्त किया. 

क्या होता है जलीकट्टू खेल?

जलीकट्टू जनवरी के मध्य में पोंगल की फसल के समय खेला जाने वाला एक लोकप्रिय खेल है. विजेता का फैसला इस बात से तय होता है कि बैल के कूबड़ पर कितने समय तक कंट्रोल किया गया है. प्रतियोगी को बैल के कूबड़ को पकड़ने की कोशिश करनी होती है. बैल को अपने कंट्रोल में करने के लिए उसकी पूंछ और सींग को पकड़ना होता है.

बैल को एक लंबी रस्सी से बांधा जाता है. जीतने के लिए एक समय-सीमा में बैल को काबू में करना होता है. कुल मिलाकर बैल को कंट्रोल में करना इस खेल का टारगेट होता है. यह आमतौर पर तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के हिस्से के रूप में प्रचलित है, जो चार दिवसीय फसल उत्सव के तीसरे दिन होता है. तमिल शब्द 'मट्टू' का अर्थ है बैल, और पोंगल का तीसरा दिन मवेशियों को समर्पित है, जो खेती की प्रक्रिया में एक प्रमुख भागीदार हैं.

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