एनटीपीसी के अध्यक्ष अरूप कुमार चौधरी ने कहा कि किसी भी प्रदेश में नई विद्युत परिजनाओं से उत्पादित की जाने वाली ऊर्जा में उक्त प्रदेश की 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंजूर कर लिए जाने पर बिहार में बिजली की समस्या समाप्त हो जाएगी.
बिहार में ऊर्जा उत्पादन की और भी संभावना और प्रदेश में एनटीपीसी के सहयोग से ऊर्जा परियोजनाओं की समीक्षा करने यहां पहुंचे चौधरी ने पटना में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि किसी भी प्रदेश में नई विद्युत परिजनाओं से उत्पादित की जाने वाली ऊर्जा में उक्त प्रदेश की 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंजूर कर लिए जाने पर बिहार में बिजली की समस्या समाप्त हो जाएगी.
चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में किसी भी देश अथवा प्रदेश के सकल घरेलु उत्पाद का सीधा संबंध उसके द्वारा उत्पादित ऊर्जा से है.
उन्होने कहा कि जो भी प्रदेश ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी है वहां की आर्थिक स्थिति आज बेहतर है और ऐसे में बिहार में भी और अधिक ऊर्जा इकाईयां लगाए जाने की जरूरत है.{mospagebreak}
चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कहलगांव की अपनी दो ईकाईयों से 2450 मेगावाट उर्जा उत्पादन के अतिरिक्त राज्य सरकार के सहयोग से 4690 मेगावाट की चार ऊर्जा उत्पादन ईकाईयों पर काम जारी है और इन ईकाईयों को लेकर तथा प्रदेश में एनटीपीसी द्वारा अन्य ईकाईयां लगाए जाने की संभावना को लेकर उन्होने बिहार के मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी से भेंट की.
बिहार के मुख्य सचिव से अपनी भेंट को सार्थक बताते हुए एनटीपीसी के अध्यक्ष अरूप कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार की वर्तमान में आर्थिक एवं प्रशासनिक स्थिति अच्छी है और प्रदेश में बनने वाली नई सरकार को छोटी ईकाईयों की स्थापना के बजाए साढे छह सौ मेगावाट से अधिक की इकाईयों की स्थापना पर अधिक जोर दें. उन्होने कहा कि इससे ऊर्जा उत्पादन ईकाईयां उत्पादक क्षमता बढने के साथ कम कोयले में अधिक ऊर्जा उत्पादित हो सकेगी और बिहार को 12वीं पंचवर्षीय योजना में इस दिशा में कदम बढाना चाहिए.
देश में विद्युत उपकरणों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे निर्यात के जरिए पूरा नहीं किया जा सकता बल्कि ऐसी कंपनियों द्वारा यहां अपना ब्यालर और टर्बाईन लगाए जाने की ओर भी ध्यान देना चाहिए.
देश में ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भविष्य में परमाणु ऊर्जा की महत्ता को दर्शाते हुए वर्तमान में इस प्रकार की दो इकाईयां हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में लगाए जाने की दिशा में काम जारी है.