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लखनऊ के सहकारी बैंक से 146 करोड़ रुपये हड़पने की साजिश में 10 अधिकारी सस्पेंड

लखनऊ के सहकारी बैंक से करोड़ों की रकम ट्रांसफर होने के मामले में 10 लोगों को सस्पेंड किया गया है. उस एजेंसी को भी ब्लैक लिस्ट किया गया जिस पर बैंक की साइबर सिक्योरिटी का जिम्मा था. मामले की जांच कर रही पुलिस टीम को बैंक के पूर्व कर्मचारी पर शक है. बैंक मैनेजर और सहायक सस्पेंड किए गए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ के हजरतगंज डीएम आवास के पास स्थित उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक (Uttarpradesh Co-operative Bank) से दूसरे खातों में 146 करोड़ की रकम ट्रांसफर होने के मामले 10 लोगों को सस्पेंड किया गया है. जिस कंपनी पर बैंक की साइबर सिक्योरिटी का जिम्मा था उसे भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. बैंक मैनेजर, सहायक मैनेजर सस्पेंड किए गए हैं.गनीमत, यह रही की बैंक का पैसा सुरक्षित है. इस मामले की एसटीएफ द्वारा जांच की जा रही है.

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बैंक की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी  Standard Way Intelligence Security Services pvt Ltd को ब्लैक लिस्ट किया गया है. जनरल मैनेजर रैंक के तीन अधिकारी अशोक कुमार, के.डी पाठक और विवेक सिंह को सस्पेंड किया गया है. वहीं, सहकारी बैंक के मैनेजर अजय कुमार मेवालाल, सहायक मैनेजर अजय कुमार पर भी सस्पेंशन की गाज गिरी है.

साइबर अटैक के जरिए फ्रॉड होने की कोशिश नाकाम हो गई है. साइबर सिक्योरिटी टीम उन खातों से पैसा बैंक में दोबारा ट्रांसफर कर रही है. जिन्हें फ्रीज किया गया था. मामले की जांच कर रही टीम को बैंक के पूर्व कर्मचारी पर शक है. बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस के बताया है कि, सहकारी बैंक में मेगा सॉफ्टवेयर से ईजी सॉफ्टवेयर बना हुआ है, जिसमें यूजर आईडी बनाई गई है. सभी कर्मचारियों के पास इसका एक्सेस नहीं है. एडमिन एक्सेस सिर्फ बैंक के प्रबंधक और कैशियर के पास है.

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यह है पूरा मामला

16 अक्टूबर (शनिवार) को लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कॉपरेटिव बैंक से 7-8 खातों में 146 करोड़ रुपए की रकम ट्रांसफर हुई थी. सोमवार को बैंक खुली तो करोड़ों का ट्रांजेक्शन देखकर बैंक मैनेजर के होश उड़ गए. आनन-फानन में एसटीएफ थाने को मामले की सूचना दी गई. साथ ही साइबर थाने को भी मामले से अवगत कराया गया. टीम ने तुरंत एक्शन लेते हुए खातों को फ्रीज कर दिया.
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