शिवपाल यादव की नाराजगी को लेकर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा चल रही है. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस नाराजगी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उनकी तरफ से कहा गया है कि वे चाचा से नाराज नहीं हैं. वहीं बीजेपी पर उन्होंने कहा कि भाजपा को चाचा को लेना है तो ले ले किसने मना किया है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही शिवपाल यादव सपा से खफा चल रहे हैं. अखिलेश संग भी उनकी तकरार जगजाहिर हो गई है. इस बीच ऐसी भी अटकलें रहीं कि शिवपाल बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में अब उन तमाम अटकलों के बीच अखिलेश यादव ने खुद कह दिया है कि भाजपा अगर चाचा को लेना चाहती है, तो ले ले. इसके अलावा उन्होंने तंज कस दिया कि चाचा की नाराजगी पर बीजेपी इतना खुश क्यों हो रही है.
शिवपाल यादव की नाराजगी की बात करें तो वे कई कारणों की वजह से सपा से दूर हो गए हैं. इसकी शुरुआत तो विधानसभा चुनाव से पहले ही हो गई थी जब बात सीट बंटवारे को लेकर हो रही थी. उस समय शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए कम से कम 100 सीटें चाहते थे. लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ एक ही सीट देने का फैसला किया और वो भी सिर्फ शिवपाल यादव को जसवंत नगर से मिली. उस समय शिवपाल को चुनाव भी सपा की टिकट पर लड़ना पड़ा था.
इसके बाद जब चुनाव में सपा गठबंधन की हार हुई, तो अखिलेश की चाचा के साथ दूरियां और ज्यादा बढ़ गईं. शिवपाल ने अखिलेश यादव की ओर से बुलाई गई सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक से भी किनारा कर लिया था. इसके अलावा उनकी पिछले महीने 20 मिनट तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात हुई थी. उस बैठक को शिष्टाचार भेंट जरूर बताया गया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में उसके अलग ही मायने निकाले गए. इसके बाद कुछ दिन पहले शिवपाल यादव ने जेल में आजम खान से मुलाकात की थी लेकिन सपा के प्रतिनिधिमंडल को समय नहीं दिया गया, उस वजह से भी कई सवाल खड़े हो गए.
ऐसे में उन तमाम सवाल और अटकलों के बीच सपा प्रमुख ने अपनी तरफ से स्पष्ट संदेश दे दिया है. वे शिवपाल यादव से नाराज ना होने की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं करना चाहते हैं.